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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव चरम पर पहुंचने लगा है। पार्टी से लेकर सरकारों के स्तर पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम ममता बनर्जी की टीम में टकराव बढ़ता ही जा रहा है। गृह मंत्रालय की ओर से एक बार फिर तीन आईपीएस अफसरों को केंद्र में भेजने को लेकर चिट्ठी मिलने के बाद राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि यह स्वीकार नहीं है। यहां तक कि टीएमसी ने केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने की भी चुनौती दे डाली है। 

पार्टी के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने गुरुवार को कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में केंद्र का आदेश असंवैधानिक है और स्वीकार करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा, ''हम उन्हें प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजेंगे। ज्यादा से ज्यादा यही होगा कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगा देगी। हम इसका स्वागत करते हैं। यदि केंद्र के पास यह करने की शक्ति है तो वह ऐसा कर सकती है।''

 

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर 10 दिसंबर को हुए हमले के बाद पश्चिम बंगाल कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया है। राजीव मिश्रा (एडीजी, दक्षिण बंगाल) को आईटीबीपी, प्रवीण त्रिपाठी (डीआईजी, प्रेसिडेंसी रेंज) को सीमा सुरक्षा बल तथा भोलानाथ पांडेय (एसपी, डायमंड हार्बर) को पुलिस अनुसंधान ब्यूरो में भेजा गया है। 

मुखर्जी ने कहा, ''यह असंवैधानिक है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम केंद्र के हस्तक्षेप को अनुमति नहीं देंगे।'' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आईपीएस कैडर नियमावली 1954 के कुछ प्रावधानों का गलत इस्तेमाल कर देश के संघीय ढांचे को बर्बाद करने का प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक बार फिर से लेटर भेजकर कहा कि वह उन तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए तत्काल कार्यमुक्त करे जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र ने कहा कि इन अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं। 

पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है, जिसके कुछ घंटों के बाद तीन आईपीएस अधिकारियों-राजीव मिश्रा (1996 बैच), प्रवीण त्रिपाठी (2004 बैच) और भोलानाथ पांडे (2011 बैच) को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने नए आदेश में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के नियमों का हवाला देकर पांडे (पुलिस अधीक्षक, डायमंड हार्बर), त्रिपाठी (डीआईजी प्रेसिडेंसी रेंज) और मिश्रा (एडीजी दक्षिण बंगाल) को कार्य मुक्त करने को कहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की राज्य की नौ और 10 दिसंबर को यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए ये तीनों अधिकारी जिम्मेदार थे। इसी दौरान डायमंड हार्बर में उनके काफिले पर हमला हुआ था। आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा (काडर) नियम 1954 के नियम 6 (1) और 1985 के संशोधन का हवाला दिया गया है जो कहता है कि अगर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किसी प्रकार की असहमति है तो संबंधित राज्य सरकार केंद्र के फैसले को प्रभावी करेगी।

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