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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव चरम पर पहुंचने लगा है। पार्टी से लेकर सरकारों के स्तर पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम ममता बनर्जी की टीम में टकराव बढ़ता ही जा रहा है। गृह मंत्रालय की ओर से एक बार फिर तीन आईपीएस अफसरों को केंद्र में भेजने को लेकर चिट्ठी मिलने के बाद राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि यह स्वीकार नहीं है। यहां तक कि टीएमसी ने केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने की भी चुनौती दे डाली है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने गुरुवार को कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में केंद्र का आदेश असंवैधानिक है और स्वीकार करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा, ''हम उन्हें प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजेंगे। ज्यादा से ज्यादा यही होगा कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगा देगी। हम इसका स्वागत करते हैं। यदि केंद्र के पास यह करने की शक्ति है तो वह ऐसा कर सकती है।''
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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बागी नेता शुवेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है. दिया है। पिछले कुछ समय से वह पार्टी से असंतुष्ट चल रहे थे। इस बात की चर्चा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य का दौरा करने पर वह सप्ताहांत में भाजपा में शामिल होंगे। शिवेंदु के बारे में कहा जाता है कि वे राज्य के पश्चिमी हिस्से में 50 से अधिक सीटों पर स्थानीय नेताओं पर नियंत्रण रखते हैं। शाह की यात्रा के दौरान उनका पार्टी में शामिल होना आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगा, क्योंकि भाजपा अगले साल होने वाले चुनाव में राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए जी जान से लगी है।
तृणमूल के एक दूसरे नेता, आसनसोल के असंतुष्ट विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी आधिकारी के तुरंत बाद पार्टी छोड़ दी। इससे पहले आज तिवारी ने शिवेंदु अधिकारी के साथ बैठक के बाद शहर के नगर निकाय में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखकर इस औद्योगिक शहर को केन्द्रीय कोष से वंचित रखने का आरोप लगाया था।
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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता शुभेंदु अधिकारी के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी सांसद सौगत राय ने उन पर कई तरह के आरोप लगाए। टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत राय का कहना है कि शुभेंदु अधिकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद पार्टी के अगले नेता बनना चाहते थे। साथ ही रॉय ने कहा कि अधिकारी राज्य के पांच-छह जिलों पर कंट्रोल चाहते थे। उन्होंने दावा किया कि अधिकारी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री या फिर डिप्टी सीएम बनना चाहते थे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा, ''हमने उनसे (शुभेंदु अधिकारी) से 1 दिसंबर को बात की थी, लेकिन 2 दिसंबर को उन्होंने बताया कि हम साथ में काम नहीं कर सकते हैं। उसी दिन हमने तय कर लिया था कि हम उनसे और बातचीत नहीं करेंगे। हम उनकी महत्वकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकते हैं। वे ममता बनर्जी के बाद अगले नेता बनना चाहते थे और पार्टी यह मानने के लिए तैयार नहीं थी।''
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जारी राजनीतिक खींचतान के बीच तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता शुवेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ समय से वह पार्टी से असंतुष्ट चल रहे हैं और ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
अधिकारी के साथ पिछले कुछ वक्त में मतभेद हो रहे थे। अधिकारी पार्टी न छोड़ दें इसके लिए पार्टी ने वरिष्ठ नेता सौगत राय और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को उनसे बात करने को कहा था। हालांकि बात नहीं बनी। पिछले महीने उन्होंने कैबिनेट से भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी में अंदर बात और भी बिगड़ रही थी।
उनके भाजपा जॉइन करने की अफवाहों को बल देते हुए भाजपा के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा कि 'जिस दिन शुवेंदु अधिकारी ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वो टीएमसी छोड़ देंगे तो मैं बहुत खुश होऊंगा और भाजपा में उनका स्वागत करूंगा।
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