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कोलकाता: पार्टी से निष्कासित करने की मांग के बीच पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी से मंत्री पद छीन लिया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि पार्थ चटर्जी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। उनको वाणिज्य एवं उद्यम मंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री के रूप में तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा कि चटर्जी को 28 जुलाई से उनके विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है। यानी अब उन पर किसी भी विभाग का प्रभार नहीं रहा है।

वहीं इस बीच अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बर्खास्त किए गए मंत्री पार्थ चटर्जी के उद्योग और अन्य विभागों को अपने पास रखा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार, चटर्जी से संबद्ध अपार्टमेंट से करीब 50 करोड़ रुपये नकद और सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा कुछ संपत्तियों तथा विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तर किया गया।

कोलकाता: पार्थ चटर्जी को लेकर टीएमसी में गहरे मतभेद हो गए हैं। एक तरफ ममता बनर्जी की ओर से अब तक पार्थ पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है तो वहीं पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने ट्वीट कर ऐक्शन की मांग की है। कुणाल घोष ने कहा, 'पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटा देना चाहिए। उन्हें निष्कासित करना चाहिए। यदि मेरा यह बयान गलत है तो पार्टी के पास हर अधिकार है कि मुझे सभी पदों से हटा दिया जाए।' इससे पहले भी गिरफ्तारी के बाद रविवार को कुणाल घोष ने कहा था कि इस मामले के चलते पार्टी की छवि खराब होगी।

कुणाल घोष ने रविवार को भी ट्वीट किया था, 'यह मायने नहीं रखता कि कौन सा नेता है और किस पद पर है। यदि कानून की नजर में गलत पाया जाता है तो फिर पार्टी और सरकार की ओर से उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस गिरफ्तारी ने विपक्ष को मुद्दा दिया है। यदि यह जांच लंबी चली तो ऐसा ही जारी रहेगा। हम मांग करते हैं कि जल्दी और समयबद्ध जांच हो जाए।' पार्थ की गिरफ्तारी के बाद से ही टीएमसी बैकफुट पर नजर आ रही है।

कोलकाता: शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के एक अन्य घर से कम से कम 20 करोड़ नकद और सोने के आभूषण बरामद किए जा चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, अर्पिता के दूसरे घर में नोटों की बरामदगी और गिनती अभी भी जारी है। बता दें कि कुछ दिन पहले अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए थे। इस बार ईडी के अधिकारी नोट गिनने की चार मशीनों के साथ अर्पिता के दूसरे घर में दोपहर से डेरा जमाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों को कोलकाता शहर के उत्तरी किनारे में स्थित बेलघरिया स्थित अपार्टमेंट से नोटों का जखीरा मिल रहा है।

सूत्रों का कहना है कि ईडी के अधिकारियों की पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर में छापेमारी जारी है। अर्पिता के बेलघरिया स्थित अपार्टमेंट से कई दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। बता दें कि पिछले हफ्ते की छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने लगभग 40 पन्नों के नोटों के साथ एक डायरी बरामद की थी, जिसमें ईडी को शिक्षक भर्ती घोटाले में कई अहम सुराग हाथ लगे थे।

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की स्पेशल कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को 3 अगस्त तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी भी ईडी की हिरासत में रहेंगी। पार्थ चटर्जी को एम्स भुवनेश्वर से वापस कोलकाता लाया जाया जाएगा। जांच एजेंसी ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में सौंपने के लिए ईडी की एक विशेष अदालत से सोमवार को अनुरोध किया था।

ईडी ने इस बात का जिक्र किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर ने चटर्जी की जांच के बाद कहा था कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय एजेंसी स्कूल भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। उसने अदालत से मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी 13 दिनों के लिए हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया।

हालांकि, विशेष न्यायाधीश जीबोन कुमार साधु ने अपना आदेश सुरिक्षत रख लिया। ईडी ने अपनी दलील में कहा है कि चटर्जी बंगाल सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल में बीमारी का बहाना बना कर भर्ती हुए थे।

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