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पटना: लाल मुनी चौबे के निधन से सियासी गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत राज्य के सभी प्रमुख राजनेताओं ने गहरा शोक जताया है। नेताओं ने कहा है कि स्व. चौबे राजनीति के फकीर थे और उनके निधन से देश ने और खासकर बिहार ने एक बड़ा नेता खो दिया है। प्रतिपक्ष के नेता डा. प्रेम कुमार ने कहा कि स्व. चौबे ने सदा सकारात्मक राजनीति की। उनके निधन से देश के साथ ही बिहार ने एक उम्दा राजनेता खो दिया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि़ बिहार ने एक सच्चा राजनेता और प्रतिबद्ध भाजपा नेता को खो दिया है। सादगीपूर्ण और बेदाग राजनीतिक जीवन के लिए श्री चौबे सदा याद किए जाएंगे। उनके निधन से भाजपा को अपूरणीय क्षति हुई है। शोक संदेश में केन्द्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि लाल मुनी चौबे के रूप में बिहार ने एक सच्चा राजनेता खो दिया है। केन्द्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने स्व. चौबे के निधन को राजनीति के लिए एक अपूरनीय क्षति बताया। बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि बिहार ने एक बड़ा नेता खो दिया है।

पटना: मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से ग्रामीण क्षेत्रों पूर्ण शराब बंदी लागू हो रही है। इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कड़े कानून बनाए जा रहे हैं। इसमें मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान होगा। जल्द ही संबंधित विधेयक विधान मंडल में पेश होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहरीली शराब बनाने वालों को कड़ी सजा देने का प्रावधान किया जा रहा है। जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो उस शराब को बनाने वाले को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा मंगलवार को बिहार दिवस समारोह के उद्घाटन के अवसर पर गांधी मैदान में की। कहा कि अभी देसी और मसालेदार शराब पर रोक और गांवों में विदेश शराब पर भी पाबंदी लगाई जा रही है। अगले चरण में शहरों में भी शराब बंदी होगी। शराब बंदी को कड़े कानून के साथ-साथ जन सहयोग के माध्यम से लागू किया जाना है। खास कर महिलाओं का इसमें अधिक सहयोग चाहिए।

पटना: बिहार विधानमंडल के बजटीय सत्र के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा दोनों सदनों के सदस्यों को महंगे तोहफे बांटे जाने से उत्पन्न विवाद तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डये के इन तोहफों को वापस कर दिए जाने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगले वर्ष से इन उपहारों को न बांटे जाने का निर्णय किया। बिहार विधानसभा स्थित अपने कक्ष में कुछ पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने सोमवार को कहा वह कभी भी इसके पक्ष में नहीं रहे और न ही उन्होंने अपने संसदीय जीवन में कभी इन चीजों को ग्रहण किया। सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर विधायकों को उपहार दिए जाने के पक्ष में कभी नहीं रहे। भाजपा के कुछ सदस्यों के उसे लौटाए जाने ने इस विषय पर उनके रुख को फिर से मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से विधायकों और पाषर्दों के बीच कोई उपहार नहीं बांटे जाएंगे।

पटना: बिहार विधानमंडल के बजटीय सत्र के दौरान विभिन्न विभागों से दोनों सदनों के सदस्यों को महंगे तोहफे यथा मोबाईल फोन, माईक्रोवेव ओवन, सूटकेस दिए जाने की आलोचना के बीच बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने प्रदेश के लाखों शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं होने के विरोध में इन तोहफों को वापस कर दिया। सुशील ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर कहा है कि अनेक साल से बिहार सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा विधायकों एवं पाषर्दों को बिहार विधान मण्डल के सत्र के दौरान उपहार दिये जाने की परिपाटी रही है। वर्तमान सत्र में माइक्रोवेव ओवन सहित विभिन्न विभागों द्वारा करीब 6-7 सूटकेस दिये गये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि बिहार जैसे गरीब प्रदेश में विधानमण्डल के सदस्यों को विभिन्न विभागों द्वारा उपहार दिये जाने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इसमें सरकार की बड़ी राशि का व्यय होता है।

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