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पटना: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से आरजेडी में बयानबाजी जारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के बीच के विवाद के कारण पार्टी को नुकसान हुआ है। दो लोकसभा सीट में उम्मीदवार खड़ा करने वाले तेजप्रताप के विरुद्ध पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों के साथ होने वाली समीक्षा बैठक में जाने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में रघुवंश ने माना कि कुछ कमियां हैं, जिन्हें दुरुस्त करने की जरूरत है।

जहानाबाद में हुई हार से अधिक तेजप्रताप के उम्मीदवार को आए वोट के सवाल पर रघुवंश ने कहा कि दोनों भाइयों के द्वंद्व के कारण भी नुकसान हुआ है। हालांकि बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद प्रसाद सिंह तेजप्रताप पर कार्रवाई के सवाल को टाल गए और तेजस्वी के नेतृत्व को मान्य बताया।

पटना: लोकसभा चुनाव में बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का सूपड़ा साफ होने के बाद पार्टी में बगावती सुर उठने लगे हैं और तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। इस बीच छोटे भाई के बचाव में बड़े भाई तेजप्रताप यादव आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं है वे पार्टी छोड़ सकते हैं। तेजप्रताप यादव ने कहा है, "जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं है, वे चाहें तो महागठबंधन या राजद से अलग हो सकते हैं। मैं हमेशा तेजस्वी के साथ खड़ा रहूंगा।"

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बिहार में राजद की करारी हार के बाद पार्टी के विधायक महेश्वर यादव ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने तेजस्वी यादव से नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफे की मांग कर दी है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे तो पार्टी टूट सकती है। महेश्वर यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसी वरिष्ठ नेता के हाथ में पार्टी की कमान सौंपे जाने की जरुरत बताई।

पटना: लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बिहार में राजद के बागी नेता ने लालू प्रसाद के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। राजद के बागी नेता महेश यादव ने तेजस्वी यादव से नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि लोग वंशवाद की राजनीति से त्रस्त हो चुके हैं और कई ऐसे राजद विधायक हैं, जो अब पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को एक भी सीट नहीं मिली है। उम्मीद की जा रही थी कि गठबंधन बिहार में एनडीए को टक्कर देगा, मगर परिणाम इसके ठीक उलट आए।

राजद के बागी नेता महेश यादव ने कहा, तेजस्वी यादव को विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि लोग वंशवाद की राजनीति से तंग आ चुके हैं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, मगर कई विधायक हैं जो अब घुटन महसूस कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट से राजद विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने यहां सोमवार को पत्रकारों से कहा कि परिवारवाद के कारण राजद की यह दुर्गति हुई है।

पटना: बिहार में रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी के दोनों विधायकों और एक विधान पार्षद ने रविवार को जदयू का दामन थाम लिया। बिहार विधानसभा में अब रालोसपा का कोई विधायक नहीं रह गया है। बिहार में रालोसपा के दोनों विधायकों और एक विधान पार्षद का रविवार को जदयू में विलय हो गया है। इसी के साथ विधानमंडल में अब रालोसपा का कोई प्रतिनिधि नहीं रहा। हालांकि विधानमंडल के इन तीनों सदस्यों ने पहले ही रालोसपा से नाता तोड़कर अलग गुट बना लिया था।

रालोसपा विधायकों के जदूय में विलय की अधिसूचना विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और विधान परिषद के सभापति मो. हारुन रसीद ने जारी कर दी। इन सदस्यों ने 24 मई को विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर जदयू में शामिल होने की इच्छा जताई थी। दोनों सदनों और जदयू से मंजूरी मिलने के बाद चेनारी विधायक ललन पासवान और हरलाखी विधायक सुधांशु शेखर के अलावा गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह जदयू सदस्य के रूप में सदन में बैठेंगे।

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