ताज़ा खबरें

मुजफ्फरपुर: बच्चों पर चमकी-तेज बुखार का कहर जारी है। बीते 24 घंटे में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में इलाजरत पांच बच्चों की मौत हो गयी है। वहीं, इस बीमारी से ग्रसित 23 नए बच्चों को मंगलवार को दोनों अस्पतालों में भर्ती कराये गये। इनमें से 15 बच्चों का एसकेएमसीएच व आठ का केजरीवाल अस्पताल में एईएस के लिए तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है। इन बच्चों की मौत के साथ बीते 11 दिनों में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 55 हो गई है। वहीं, नए भर्ती बच्चों को मिलकर 154 पीड़ित सामने आ चुके हैं।

उधर, पीड़ितों व मौत की बढ़ रही संख्या के मद्देनजर पटना मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई। वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ. आरडी रंजन, राज्य वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा व राज्य जेई-एईएस के नोडल समन्वयक संजय कुमार ने एसकेएमसीएच पहुंच पूरी स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने दो राउंड चारों पीआईसीयू का निरीक्षण किया। इसके बाद विभाग की टीम केजरीवाल अस्पताल भी पहुंची।

पटना: बिहार में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट में एक बड़ा फैसला यह रहा कि राज्य में बच्चों के लिए माता-पिता की सेवा करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न होने पर जेल जाना पड़ेगा। शराब बंदी और दहेज बंदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सामाजिक कुरीति दूर करने का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है। कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के साथ बैठक में 17 एजेंडों को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही बिहार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना को राइट टू सर्विस एक्ट (सेवा का अधिकार अधिनियम) के तहत लाने का निर्णय लिया।

शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी

कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला यह लिया गया कि कश्मीर में पुलवामा और कुपवाड़ा के आतंकी हमलों में शहीद हुए राज्य के जवानों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। पुलवामा हमले में भागलपुर के रतन कुमार ठाकुक और मसौढ़ी के संजय सिन्हा शहीद हो गए थे। वहीं, कुपवाड़ा हमले में बेगूसराय के पिंटू कुमार शहीद हुए थे।

पटना: नीतीश कुमार ने जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़ा फैसला लिया है। नीतीश ने तय किया है कि बिहार के बाहर जदयू भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। जम्मू कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में जदयू अकेले लड़ेगी। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अनुसार, बिहार में वह एनडीए का हिस्सा रहेगी और भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में मुख्यमंत्री आवास पर हो रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए की विरोधी ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने का फैसला कर फिर से चर्चा में आए जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी मौजूद रहे। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रवक्ता केसी त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और अन्य कई नेताओं की भी उपस्थिति रही।

बैठक के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू एनडीए के साथ ही काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि जेडीयू एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ेगी। लेकिन जेडीयू एनडीए के साथ काम कर रही है और आगे भी काम करते रहेगी।

पटना: जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने यहां शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में कहीं कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। उन्होंने पाटीर् उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के विषय में कहा कि वह खुद बताएंगे कि वह आगे क्या करेंगे। इससे पहले पटना में जद (यू) के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री ने पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इसके बाद बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशांत किशोर का एक संगठन है, जो विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम करता है।

उन्होंने कहा, “उनका अपना संगठन है। वह कल (रविवार) की बैठक में आएंगे। वह (प्रशांत किशोर) खुद बताएंगे कि उनकी क्या मंशा है। इससे पार्टी को कोई लेना-देना नहीं है कि वह संगठन को लेकर किससे मिलते हैं।”

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख