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मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को शिंदे गुट के भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर चुना गया। जिसके बाद स्पीकर ने भरत गोगावले को शिवसेना के चीप व्हिप के तौर पर मान्यता दे दी। इसे चुनौती देते हुए उद्धव ठाकरे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उद्धव गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर अर्जेंट सुनवाई की अपील की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट मुख्य मामले के साथ 11 जुलाई को उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर सुनवाई करेगा।

साथ ही सिंघवी ने कहा, 'जब मामला कोर्ट में लंबित है, तो स्पीकर ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना नेता और भरत गोगावाले को शिवसेना की चीफ व्हिप के रूप में मान्यता दे दी। व्हिप को मान्यता देना स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। स्पीकर ने कल आधी रात को व्हिप चुन लिया।'

बता दें, रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा को दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। पहले दिन विधानसभा स्पीकर का चुनाव कराया गया, जिसमें भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को बतौर स्पीकर चुना गया।

मुंबई: विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। पहले ध्वनिमत से बहुमत पर फैसला होना था। लेकिन विपक्ष के एतराज के बाद मतदान के जरिए कार्यवाई शुरू की गई। शिंदे सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े हैं। इसके साथ ही उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया है। वहीं शिंदे सरकार के खिलाफ 99 वोट पड़े हैं।

बता दें कि कल हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में टीम के उम्मीदवार की जीत के बाद फ्लोर टेस्ट का रास्ता कुछ हद तक शिंदे के लिए आसान हो गया था। कल हुए चुनाव में ये स्पष्ट हो गया है कि कितने विधायक नई सरकार का समर्थन कर सकते हैं।

बता दें कि फ्लोर टेस्ट से पहले भी उद्धव खेमे को झटका लगा। पार्टी के दो विधायक श्यामसुंदर शिंदे और संजय बांगर विश्वास मत से ठीक पहले एकनाथ शिंदे समूह में शामिल हो गए। कल से अब तक शिवसेना के 2 विधायक पाला बदल चुके हैं। मिली जानकारी अनुसार कल देर रात विधायक संजय बांगर ताज प्रेसिडेंसी होटल पहुंचे थे। वहीं वो एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हुए।

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार अगले छह महीनों में गिर सकती है। उन्होंने यह बयान रविवार को एनसीपी विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं को संबोधित करते हुए दिया।

मंत्री पद के बंटवारे के साथ ही विधायकों में होगी टूट

शरद पवार ने कहा कि शिंदे का समर्थन कर रहे कई बागी विधायक मौजूदा व्यवस्था से खुश नहीं हैं। एक बार मंत्री विभागों का बंटवारा हो जाने के बाद उनकी अशांति सामने आएगी, जिसके परिणामस्वरूप अंततः सरकार गिर जाएगी।

कई बागी विधायक अपनी मूल पार्टी में लौटेंगे

पवार ने यह भी कहा कि इस प्रयोग की विफलता के कारण कई बागी विधायक अपनी मूल पार्टी में लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे हाथ में केवल छह महीने हैं, तो राकांपा विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में अधिक समय बिताना चाहिए।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले लगभग 1 महीने से चल रहे सियासी घमासान का नतीजा आज फ्लोर टेस्ट के तौर पर होगा। फ्लोर टेस्ट से पहले प्रदेश की राजनीति में मैराथन बैठकें हुईं। सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 39 विधायकों के साथ बैठक की। उधर उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी महत्वपूर्ण बैठक की है। फ्लोर टेस्ट को लेकर प्रदेश का हर प्रमुख राजनीतिक धड़ा अपने स्तर पर रणनीति तय करने में जुटा है।

महाराष्ट्र में स्पीकर के चुनाव को लेकर शिवसेना की ओर से व्हिप जारी किया गया था। पार्टी के दोनों गुटों शिंदे गुट और ठाकरे गुट ने अपने विधायकों को लेकर व्हिप जारी किया था। अब व्हिप जारी करने को लेकर विवाद हो गया है और यह विवाद चुनाव आयोग तक पहुंच सकता है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि अध्यक्ष चुनने को लेकर 39 विधायकों ने हमारे व्हिप का पालन नहीं किया है। शिंदे गुट के पास 39 विधायकों की ताकत है। उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे आदित्य समेत 16 विधायक हैं।

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