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मुंबई: विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। पहले ध्वनिमत से बहुमत पर फैसला होना था। लेकिन विपक्ष के एतराज के बाद मतदान के जरिए कार्यवाई शुरू की गई। शिंदे सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े हैं। इसके साथ ही उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया है। वहीं शिंदे सरकार के खिलाफ 99 वोट पड़े हैं।

बता दें कि कल हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में टीम के उम्मीदवार की जीत के बाद फ्लोर टेस्ट का रास्ता कुछ हद तक शिंदे के लिए आसान हो गया था। कल हुए चुनाव में ये स्पष्ट हो गया है कि कितने विधायक नई सरकार का समर्थन कर सकते हैं।

बता दें कि फ्लोर टेस्ट से पहले भी उद्धव खेमे को झटका लगा। पार्टी के दो विधायक श्यामसुंदर शिंदे और संजय बांगर विश्वास मत से ठीक पहले एकनाथ शिंदे समूह में शामिल हो गए। कल से अब तक शिवसेना के 2 विधायक पाला बदल चुके हैं। मिली जानकारी अनुसार कल देर रात विधायक संजय बांगर ताज प्रेसिडेंसी होटल पहुंचे थे। वहीं वो एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हुए।

शिंदे गुट में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की सरकार पर हमें पूरा विश्वास है।

उद्धव ठाकरे खेमे ने भरत गोगावाले को शिवसेना के सचेतक के रूप में मान्यता देने के विधानसभा स्पीकर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उल्लेख किया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट मुख्य मामले के साथ 11 जुलाई को उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर सुनवाई करेगा।

उद्धव खेमे की ओर से शिंघवी ने कहा कि व्हिप को मान्यता देने के लिए स्पीकर के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। यह इस अदालत के समक्ष कार्यवाही की यथास्थिति को बदल रहा है। स्पीकर ने कल आधी रात को व्हिप चुना,जो नियमों के खिलाफ है।

मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी पत्र में शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया और ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया है।

शिवसेना (उद्धव खेमा) ने पहले ही कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा था कि वे इस ‘‘असंवैधानिक'' फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।

सावंत ने कहा, ‘‘लोकसभा के पूर्व महासचिव पी.डी.टी. अचारी ने व्यवस्था दी है कि पार्टी नेता (प्रमुख) को उस पार्टी के विधायक दल के नेता को नियुक्त करने का अधिकार है। आप कैसे कह सकते हैं कि वह (एकनाथ शिंदे) पार्टी के (विधायक दल) के नेता हैं?''उन्होंने कहा, ‘‘हम इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। निर्णय रविवार देर रात को लिया जाता है जो दर्शाता है कि यह फैसला किस तरह लिया गया।'

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