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मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी है। इस बीच शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट को लगातार दूसरे दिन पूर्व पार्षदों ने झटका दिया है। अब नवी मुंबई के 32 पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को समर्थन देने का एलान किया है। बीएमसी चुनावों से पहले नवी मुंबई के 32 पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आवास पर जाकर मुलाकात की और उन्हें समर्थन करने का एलान किया। शिव सेना के उपनेता विजय नाहटा और पूर्व पार्षद सुरेश कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है।

इससे एक दिन पहले ठाणे नगर निगम में पार्टी के 67 पूर्व पार्षदों में से 66 ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के प्रति समर्थन जताया था। उल्लेखनीय है कि 131 सदस्यीय ठाणे नगर निगम का कार्यकाल कुछ समय पूर्व समाप्त हो गया था और अब चुनाव होने वाले हैं। इस नगर निगम को शिवसेना का गढ़ माना जाता है।

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शुक्रवार को दिल्ली यात्रा पर जाएंगे। पिछले महीने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह राष्ट्रीय राजधानी की उनकी पहली यात्रा है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का गुट एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट को सरकार बनाने के राज्यपाल के न्योते को चुनौती दी है। उद्धव ठाकरे खेमे ने 3 जून को हुई विधानसभा की कार्यवाही को भी चुनौती दी है, जहां एक नया अध्यक्ष चुना गया था और 4 जून को फ्लोर टेस्ट हुआ था। ठाकरे खेमे का तर्क है कि जिन 16 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई लंबित थी, वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते थे।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने एकनाथ शिंदे को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एकनाथ शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी के रूप में शपथ ली, क्योंकि भाजपा और शिवसेना के इस गुट ने उद्धव को सत्ता से बेदखल कर दिया।

इससे पहले भी उद्धव की याचिका पर बुधवार शाम को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे ग्रुप ने गवर्नर के राजनीतिक होने का आरोप लगाया।

ठाणे: शिवसेना में विधायक दल से शुरू हुई बगावत अब पार्षदों तक पहुंच गई है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, बुधवार को ठाणे में 67 में से 66 पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का दामन थाम लिया है। चर्चा थी कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ठाकरे पहले ही करीब 40 विधायकों को गंवाने के बाद सांसदों, नगरसेवकों और पार्टी पदाधिकारियों को जोड़कर रखने की कवायद कर रहे हैं। इसका सीधा असर ठाणे निकाय चुनाव में देखने को मिल सकता है।

सीएम शिंदे के आवास नंदनवन पर जुटे 67 में से 66 पार्षदों ने शिंदे कैंप का समर्थन करने की शपथ ली है। खास बात है कि इस दौरान केवल सांसद राजन विचारे की पत्नी नंदीनी विचारे गुट में शामिल नहीं हुईं। कहा जा रहा है इतनी बड़ी संख्या में पार्षदों के समर्थन के बाद ठाणे नगर निगम का मुकाबला शिंदे बनाम ठाकरे हो गया है। पक्ष पदलने वाले मेयर नरेश म्हास्के ने बताया, 'हम सभी पहले दिन से ही उनके साथ थे। हालांकि, पहले कुछ लोग खुलकर एकसाथ नहीं आए थे। इसलिए हमने फैसला किया है कि हम सभी को शिंदे को आधिकारिक समर्थन दिखाने के लिए साथ आना चाहिए।

नई दिल्ली: शिवसेना में एकनाथ शिंदे गुट के बाद अब एक बार फिर बगावत के स्वर उठते दिख रहे हैं। इस बार बगावत करते दिख रहे हैं पार्टी के सांसद। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट में बंट चुकी शिवसेना के लिए बगावत की नई रूपरेखा नई दिल्ली में तैयार हो रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवसेना के सांसद भी अब उद्धव ठाकरे गुट के विरोध में होते दिख रहे हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट ने सांसदों के बागी होने की संभावनाओं के बीच शिवसेना के नए व्हिप प्रमुख का नाम आगे किया है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सूचित किया कि पार्टी ने राजन विचारे को नया व्हिप प्रमुख बनाया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी भावना गवली के पास थी।

बता दें कुछ दिन पहले ही शिवसेना के 30 से ज्यादा बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा के साथ राज्य में नई सरकार का गठन किया है। नई सरकार के गठन से पहले शिवसेना उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के गुटों में बंटी दिखी।

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