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मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुख्यमंत्री पद छीनने के तीन दिन बाद ही बागी एकनाथ शिंदे को बहुमत साबित करना होगा। राज्यपाल ने राज्य के नए सीएम एकनाथ शिंदे बहुमत साबित करने को कहा है। अब महाराष्ट्र विधानसभा का अधिवेशन रविवार और सोमवार को होगा। इससे पहले शनिवार को अध्यक्ष पद का नॉमिनेशन भरा जाएगा। फिर रविवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। वहीं, सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा।

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार की गठन के बाद महाविकास आधाड़ी ने एक बार फिर शिवसेना के 39 बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैै। महाविकास अघाड़ी की ओर से एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें ये मांग की गई है कि कोर्ट सभी बागी विधायकों को विधानसभा आने से रोके। कहा गया है कि वैसे विधायक जिनके खिलाफ अभी सुनवाई चल रही है या बाकी है, उनके विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

मुंबई: सत्ता पलट के बाद महाराष्ट्र की गद्दी संभालते ही शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे एक्शन मोड में आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो वे उद्धव सरकार के आरे में मेट्रो कारशेड नहीं बनाने को लेकर किए गए फैसले को पलटने की तैयारी में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल को आदेश दिए हैं कि मेट्रो कारशेड आरे में ही बनाया जाएगा। इस बारे में अदालत के सामने सरकार का पक्ष रखा जाए। अधिकारियों को इस बात के आदेश भी दिए हैं कि जलयुक्त शिवार योजना को पुनः शुरू करने के लिए जल्दी ही प्रस्ताव लाया जाए।

कीरीट सोमैया ने फैसले का स्वागत किया

इन दोनों फैसलों के अतिरिक्त महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 2 और 3 जुलाई को बुलाया गया है। इस विशेष सत्र में पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इधर, नई सरकार के फैसलों का भाजपा ने स्वागत किया है। पार्टी के पूर्व सांसद कीरीट सोमैया ने स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आरे में मेट्रोकार शेड को वापस लाने का शिंदे फडणवीस सरकार का फैसला मुंबई मेट्रो के काम को पटरी पर लाएगा।"

मुंबई: महाराष्ट्र में बागी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार की गठन के बाद महाविकास आधाड़ी ने फिर एक बार शिवसेना के 39 बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महाविकास अघाड़ी की ओर से एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें ये मांग की गई है कि कोर्ट सभी बागी विधायकों को विधानसभा आने से रोके। कहा गया है कि वैसे विधायक जिनके खिलाफ अभी सुनवाई चल रही है या बाकी है, उनके विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

'अनुमति नहीं दी जानी चाहिए'

सत्ता से बेदखल होने के बाद एमवीए ने कहा, "बागी विधायक जो भाजपा के मोहरे के रूप में काम कर रहे हैं। साथ ही जो दलबदल का संवैधानिक पाप कर रहे हैं, उन्हें विधानसभा के सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति देकर एक दिन के लिए भी अपने पाप को कायम रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।"

मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को आयकर विभाग की ओर से नोटिस मिला है। 30 जून को महाराष्ट्र में एक तरफ जहां सत्ता परिवर्तन में ट्विस्ट पर ट्विस्ट आ रहे थे। उसी दौरान एनसीपी प्रमुख को आयकर का नोटिस मिला। इस बात से नाराज एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे ने ट्वीट कर पूछा कि ये संयोग है या कुछ और?

वहीं, नोटिस मिलने के बाद खुद शरद पवार ने भी ट्वीट कर कहा कि एजेंसियों का उपयोग राजनीतिक रूप से भिन्न विचारों वाले लोगों के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे इनकम टैक्स से भी ऐसा ही एक लव लेटर मिला है। वे अब 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान हलफनामे में निहित जानकारी की जांच कर रहे हैं। एनसीपी के मुताबिक आयकर विभाग ने शरद पवार से साल 2004 से लेकर 2020 तक चुनावी हलफनामे की जानकारी मांगी हैं। एनसीपी नेता ने कहा, "मुझे 2004, 2009, 2014 और 2020 में दायर चुनावी हलफनामों से संबंधित जानकारी देने के लिए आयकर से एक प्रेम पत्र मिला है।" ये कहते हुए कि उन्होंने ये भी कहा कि जानकारी देने की चिंता नहीं है।

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