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मुंबई: हफ्ते भर से अधिक चले सियासी उठापटक के बाद महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे भाजपा से हाथ मिलाकर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं। हालांकि, उन्हें सोमवार को फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। बता दें कि राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र रविवार यानी आज से शुरू होगा। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ सदन में नई सरकार का शक्ति परीक्षण होगा।

विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन कर रहे शिवसेना के बागी विधायक शनिवार शाम गोवा से मुंबई लौट आए। सूत्रों ने बताया कि मुंबई पहुंचे बागी विधायक एक होटल में ठहरेंगे और रविवार को विशेष सत्र में हिस्सा लेंगेै।

इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित रहने के बावजूद वह फिलहाल पदेन स्पीकर के तौर पर अपना कर्तव्य निभा सकते हैं। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद पिछले साल से रिक्त है।

पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना का कौन सा गुट पार्टी का ‘वास्तविक' दावेदार होगा, इस पर फैसले के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।

इससे पहले दिन में, शिवसेना विधायक और प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी राजन साल्वी ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार के रूप में शनिवार को अपना नामांकन दाखिल किया। इधर, पहली बार विधायक बने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राहुल नार्वेकर ने इस पद के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया था।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नया मंत्रिमंडल गठित करने पर फैसला रविवार से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के दो-दिवसीय विशेष सत्र के बाद लिया जाएगा।

मुनगंटीवार ने कहा, ‘‘दो-दिवसीय सत्र समाप्त होने के बाद विभागों को आवंटित करने का निर्णय लिया जाएगा। भाजपा नेता दो-दिवसीय सत्र पर फोकस के साथ बैठकें कर रहे हैं। एक बार यह सत्र समाप्त हो जाने के बाद दोनों दलों (भाजपा और शिवसेना का एकनाथ शिंदे खेमा) का प्रदेश नेतृत्व विभागों के आवंटन के बारे में फैसला कर सकता है।

इधर, राज्य में जारी सियासी उथल पुथल के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल पर निशाना साधा। राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘मैंने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह को टेलीविजन पर देखा। वह (राज्यपाल) उन्हें ‘‘ पेड़ा'' खिला रहे थे और गुलदस्ता भेंट कर रहे थे। ऐसा लगता है कि उनमें कुछ गुणात्मक बदलाव आया है।''

वर्ष 2019 में महा विकास अघाडी के नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह को याद करते हुए पवार ने कहा, ‘‘मैं वहां मौजूद था। कोश्यारी ने कुछ भावी मंत्रियों द्वारा कुछ हस्तियों का नाम लेकर शपथ लेने पर आपत्ति जताई थी। यहां तक उन्होंने उस समय मुझे देखकर केवल प्रारूप के तहत ही शपथ लेने को कहा था।''

उन्होंने कहा कि यद्यपि एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को दिवंगत बालासाहेब ठाकरे और दिवंगत आनंद दिघे का उल्लेख किया। लेकिन कोश्यारी ने उस समय कोई आपत्ति नहीं की।'' वयोवृद्ध नेता ने राज्यपाल और उनके कार्यालय के राज्य सरकार से संबंध पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल का फैसला हमेशा राज्यपाल के लिए बाध्यकारी होता है। एमवीए सरकार ने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में नामित करने के लिए 12 लोगों की सूची दी थी, जिसे कभी मंजूरी नहीं दी गई। यह कहा गया कि राज्य में बनी नई सरकार के साथ वह जल्द फैसला लेंगे।'' पवार ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से पदभार ग्रहण करने के दौरान उनके द्वारा लिए गए फैसले के विपरीत था। राज्यपाल को विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के साथ व्यवहार करने में तटस्थ होना चाहिए।''

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