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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का राजभवन में लड्डू खाने का वीडियो खूब वायरल हुआ था और पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने राजभवन में इस वाकये को लेकर गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पुणे में एक कार्यक्रम में गवर्नर पर ये तंज कसा है। पवार ने कहा, मैं कई शपथग्रहण समारोहों का हिस्सा रहा हूं, लेकिन कभी किसी गवर्नर ने मुझे मिठाई नहीं खिलाई और न ही मुझे बुके दिया। दरअसल, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मिठाई खिलाते हुए वायरल तस्वीरों पर शरद पवार ने शनिवार को तंज कसा। पवार ने कहा, राज्यपाल के जनप्रतिनिधियों से व्यवहार में ‘गुणात्मक बदलाव' देखने को मिल रहा है।

एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘मैंने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह को टेलीविजन पर देखा। वह (राज्यपाल) उन्हें पेड़ा खिला रहे थे और गुलदस्ता भेंट कर रहे थे। ऐसा लगता है कि उनमें कुछ गुणात्मक बदलाव आया है।

मुंबई: शिवसेना में उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर ईडी ने शुक्रवार को 10 घंटे तक पूछताछ की। संजय राउत सुबह 11.30 बजे ईडी दफ्तर पहुंच गए थे। जबकि पूछताछ रात साढ़े नौ बजे खत्म हुई। ईडी दफ्तर से बाहर आते हुए संजय राउत ने कहा कि वो जांच एजेंसी के साथ शुरू से ही सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। उन्होंने कहा कि एजेंसियों का काम है पूछताछ करना और हमारा काम है पूछताछ में पूरी तरह से सहयोग करना। मैं इसलिए आया क्योंकि उन्होंने मुझे बुलाया था। मैं आगे भी ईडी के साथ ऐसे ही सहयोग करूंगा।

संजय राउत ने शुक्रवार संवाददाताओं से कहा कि मुझे किसी तरह का भय नहीं है क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में कभी भी कोई गलती नहीं की है। उन्होंने कहा कि यदि यह राजनीतिक साजिश है तो इसकी जानकारी बाद में मिल जाएगी। पात्रा चॉल भूमि घोटाले के बारे में बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा,”मेरा पत्रा चाल से कोई संबंध नहीं है। वो चाल कहां है ये भी पता नहीं। मैंने आज तक कोई गलत काम नही किया है।”

मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने बतौर सीएम कार्यभार संभाल लिया है। हालांकि, उनके सीएम बनने के बाद भी प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। उद्धव ठाकरे ने आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया है। पार्टी द्वारा जारी एक पत्र में ठाकरे ने कहा कि शिंदे “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल रहे हैं और उन्होंने स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ दी है।

उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, "शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं।" हालांकि, इससे पहले एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया है कि वही शिवसेना के नेता हैं। क्योंकि ठाकरे खेमा अल्पसंख्यक की स्थिति में है।

इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एकनाथ शिंदे ‘‘शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं'' और पार्टी को किनारे रखकर कोई शिवसेना नहीं हो सकती।

मुंबई: शिवसेना के बागी नेता एकनात शिंदे के बतौर मुख्यमंत्री महाराष्ट्र की गद्दी संभालने के बाद शुक्रवार को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पहली बार सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लाइव आकर अपनी बातें रखीं। सत्ता पलट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को ये पहले ही कर लेना चाहिए था। कम से कम उसे अपना मुख्यमंत्री तो मिल जाता। उन्होंने कहा कि क्या अमित शाह ने मुझसे किया हुआ अपना वादा रखा? अगर ऐसा होता तो राज्य का मुख्यमंत्री आज कोई भाजपा नेता होता। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को केवल नाम के लिए मुख्यमंत्री बताया है।

शिवसेना के ही बागी नेता एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया है। उन्होंने शुक्रवार को शिवसेना भवन पहुंचकर मराठी कार्ड खेला और पार्टी पर दावा ठोका। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवेसना के मुख्यमंत्री नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में सत्ता का खेल खेला गया है, उससे लोकतंत्र का मजाक बना है। उन्होंने कहा कि मैं तो कहूंगा कि मतदाताओं को अधिकार होना चाहिए कि वह जरूरत पड़ने पर उन लोगों को वापस बुला सके, जिन्हें वोट दिया है।

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