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मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की अधिक संख्या और उनमें से प्रत्येक को विभाग आवंटित करने की ‘‘सीमा’’ को स्वीकार करते हुए रविवार को कहा कि कुछ सदस्य स्वाभाविक रूप से खुश नहीं हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा विभागों का आवंटन किए जाने के एक दिन बाद अजित पवार ने कहा कि लंबित परियोजनाओं पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

पवार ने ख़ुद वित्त मंत्रालय को रखा बरकरार 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में एक रोड शो का नेतृत्व किया और अभिनंदन कार्यक्रमों में भाग लिया। पवार ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘चूंकि मंत्रियों की संख्या अधिक है, इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रत्येक मंत्री को एक विभाग देना ही था। जाहिर है, कुछ लोग खुश हैं और कुछ नहीं।’’ उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल में केवल छह राज्य मंत्री शामिल हैं, जबकि बाकी 36 कैबिनेट मंत्री हैं। वित्त मंत्रालय को बरकरार रखने वाले पवार ने कहा कि वह सोमवार को कार्यभार संभालेंगे।

लातूर (महाराष्ट्र): सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने रविवार को विश्व पटल पर लोकतंत्र के लिए ‘गंभीर’ चुनौती को लेकर चिंता जताई और कहा कि लोकतंत्र की हत्या उसके ही औजारों से की जा रही है। उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह अब आम आदमी की आवाज नहीं उठाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन, जन आंदोलन और सांस्कृतिक लड़ाई के माध्यम से बचाया जा सकता है।

योगेद्र यादव महाराष्ट्र के लातूर में ‘भारतीय लोकतंत्र की चुनौतियां और भविष्य’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम में योगेंद्र यादव को ‘मनोहरराव गोमारे मेमोरियल नेशनल अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को दिया जाता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने विश्व स्तर पर लोकतंत्र के सामने मौजूद ‘गंभीर’ चुनौतियों पर चिंता जताते हुए कहा कि लोकतंत्र की उसके ही औजारों का इस्तेमाल कर दिनदहाड़े हत्या की जा रही है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र में क्या चाचा-भतीजे फिर एक होंगे। महाराष्ट्र में एनसीपी के दोनों खेमों के नेताओं के बीच लगातार हो रहीं मुलाकात के बाद राजनीतिक जगत में यह कयास लगाए जा रहे हैं। हाल ही में शरद पवार खेमे के विधायक रोहित पाटिल ने अजित पवार से मुलाकात की है। इससे पहले एनसीपी विधायक शशिकांत शिंदे ने डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात की थी।

लगने लगे महाराष्ट्र में 'खेला' होने के कयास

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार के गुट ने कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी महायुति में बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी। महायुति को राज्य में प्रचंड जीत मिली. जबकि शरद पवार के गुट ने अपना अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन किया है। चुनाव नतीजों के बाद से शरद पवार और अजित पवार के गुट के साथ आने की चर्चा है। इन चर्चाओं को तब और जोर मिला, जब अजित पवार, एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने दिल्ली में शरद पवार से मुलाकात की थी।

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): डॉ. बीआर आंबेडकर के नाम पर सियासत गरमा गई है। दिल्ली भड़की सियासी आग की चिंगारी अब महाराष्ट्र तक पहुंच गई। एक तरफ जहां विपक्ष लगातार केंद्रीय मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। वहीं, अब महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कांग्रेस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने मुंबई में सबसे पुरानी पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़ की। हालात बिगड़ने पर पुलिस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

गृहमंत्री अमित शाह के आंबेडकर को लेकर दिया बयान पर छिड़ा है विवाद

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर बयान दिया था, जिसपर सियासी विवाद छिड़ गया था। शाह ने कहा था कि 'अभी एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। आंबेडकर का नाम सौ बार लें, लेकिन आंबेडकर के बारे में कांग्रेस पार्टी का भाव क्या है, ये मैं बताता हूं।'

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