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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

गोरेगांव: मुंबई के एक चॉल में दो मंजिला निर्माणाधीन ढांचा ढहने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना गोरेगांव के मोतीलाल नगर में सुबह करीब नौ बजकर 15 मिनट पर हुई जब दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा निर्माण के दौरान ढह गया।

पुलिस अफसर ने बताया कि ढांचा 'महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) के एक चॉल का हिस्सा था। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद दमकल की गाड़ियां और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। अधिकारी ने बताया कि दमकल विभाग की कम से कम तीन गाड़ियां, एक बचाव वैन और एक एम्बुलेंस बचाव अभियान में लगाई गई थी।

नई दिल्ली: तीन राज्यों में हार के बाद भाजपा में विरोध की सुगबुगाहट दिखने लगी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। इशारों-इशारों में गडकरी ने कहा कि कोई भी सफलता की तरह विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है। सफलता के कई पिता हैं, लेकिन विफलता अनाथ है। जब भी सफलता मिलती है को उसका श्रेय लूटने की होड़ मच जाती है, लेकिन जब विफलता होती है तो हर कोई एक दूसरे पर उंगली उठाना शुरू कर देता है। वह पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं। बैंक के संदर्भ में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि कई बार बैंक सफल हो जाते हैं, तो कई बार बैंक बंद भी हो जाते हैं। संस्थान को दोनों ही स्थितियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन राजनीति में जब सफलता मिलती है, तो उसका श्रेय लेने की होड़ लग जाती है और जब हार से सामना होता है तो कोई भी आपसे पूछने नहीं आता है।

मुंबई: सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले में 13 साल बाद शुक्रवार को फैसला आ गया और सीबीआई की स्पेशल अदालत ने अपने फैसले में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने माना है कि सोहराबुद्दीन केस में किसी तरह की साजिश की बात की पुष्टि नहीं हुई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में साजिश की बात कहीं से भी साबित नहीं हुई। अभियोजन पक्ष लिंक साबित नहीं कर पाया। बता दें कि साल 2005 के इस मामले में 22 लोग मुकदमे का सामना कर रहे थे, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं।

महाराष्ट्र की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस मामले पर विशेष निगाह रही है क्योंकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आरोपियों में शामिल थे। हालांकि, उन्हें 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था। अमित शाह इन घटनाओं के वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के करीब 92 गवाह मुकर गए। इस महीने की शुरूआत में आखिरी दलीलें पूरी किए जाने के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा ने कहा था कि वह 21 दिसंबर को फैसला सुनाएंगे। ज्यादातर आरोपी गुजरात और राजस्थान के पुलिस अधिकारी हैं।

मुंबई: शिवसेना ने भाजपा पर गुरुवार को एक करारा हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि राम मंदिर मुद्दा भाजपा के लिए एक और जुमला है। पार्टी ने कहा कि बीजेपी तीन राज्यों में हालिया चुनावी हार के बावजूद भी नहीं जगी है। पार्टी के भीतर ही राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव है लेकिन पता नहीं भगवान राम के लिए अच्छे दिन कब आएंगे। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में कहा है कि कुंभकरण की तरह यह सरकार तीन राज्यों में हार मिलने के बावजूद जगने के लिए तैयार नहीं है।

बता दें कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा था। शिवसेना ने कहा है पूरा देश राम मंदिर बनते हुए देखना चाहता है और इसी वजह से लोगों ने 2014 में भाजपा के लिए वोट किया था। हालांकि, यह मुद्दा पार्टी के लिए एक और 'जुमला' बन गया है। लेख में आगे लिखा है कि भगवान राम के लिए अच्छे दिन कब आएंगे जो कि एक खुले टेंट के नीचे पिछले 25 साल से रह रहे हैं।

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