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नई दिल्ली: मेघालय उच्च न्यायालय ने एक केस की सुनवाई करते हुए कहा है कि बिना कपड़े उतारे की गई जबरदस्ती भी बलात्कार की श्रेणी में आती है और आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 375 (बी) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह की खंडपीठ ने 10 साल की बच्ची के कथित बलात्कार से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए ये बात कही है। साथ ही निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें आरोपी को दोषी ठहराया गया था। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि एक हफ्ते बाद मेडिकल जांच के दौरान लड़की के गुप्तांगों में दर्द था और उससे यौन संबंध बनाने के पर्याप्त सबूत हैं।

हालांकि आरोपी ने दावा किया कि उसने उसके नीचे के कपड़े नहीं उतारे। 31 अक्टूबर 2018 को, एक ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया और उसे 10 साल जेल की सजा सुनाई और साथ ही 25,000 का जुर्माना भी लगाया। दोषी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि लड़की का अंडरवियर नहीं निकला गया था, ऐसे में उसपर बलात्कार का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।

गुवाहाटी: मेघालय में हुए बड़े सियासी उलटफेर ने देश की निगाहें पूर्वोत्‍तर के इस छोटे से राज्‍य पर केंद्रित कर दी है। कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायक, पार्टी छोड़कर ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी से जुड़ गए हैं। मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने उन कारणों का खुलासा किया जिसके कारण वे और 11 अन्‍य विधायक पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए। संगमा ने इस बात पर अफसोस जतााया कि कांग्रेस प्रभावी विपक्षी पार्टी की भूमिका पर खरी नहीं उतरी। संगमा और अन्‍य 11 विधायकों का टीएमसी में शामिल होने का निर्णय विंसेंट पाल को मेघालय कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने को लेकर चली नाराजगी के बीच सामने आया है।

मुकुल संगमा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पार्टी से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों ने टीएमसी में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, देश की बेहतरी के लिए हमने तृणमूल कांग्रेस के साथ जाने का फैसला किया है। हम राज्य के लिए भविष्य के लिए नया ट्रेंड स्थापित कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के मौके पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की थी। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है। उन्‍होंने बुधवार को कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है, आप समाधान की तरफ आगे बढ़े हैं। किसानों की एमएसपी की मांग मान लें और एक कमेटी बना दें तो यह मसला हल हो जाएगा और किसान धरना स्‍थलों से उठ जाएंगे।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों की सभी मांगें नहीं मानी गई हैं। एमएसपी उनकी मूल मांग है। सरकार को इस मांग को स्वीकार कर एक कमेटी बनानी चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे। मैं एमएसपी और अन्य मुद्दों के समाधान के लिए समितियां गठि‍त किए जाने की दशा में किसानों से घर जाने की गुजारिश करूंगा। मैं उन्हें सलाह दूंगा कि वे इसे (विरोध) अनावश्यक रूप से ना बढ़ाएं। एमएसपी उनकी मूल मांग है और मैं इस मुद्दे पर उनके साथ हूं।

नई दिल्ली: हरियाणा के करनाल में किसानों पर लाठी चार्ज कराने के मामले में मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने फिर से भाजपा सरकार की आलोचना की है और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों से माफ़ी मांगने को कहा है। एनडीटीवी से बातचीत में गवर्नर ने कहा कि किसानों पर लाठी चार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम को फौरन बर्खास्त किया जाय।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि आरोपी एसडीएम नौकरी में रहने के लायक नहीं है, जबकि खट्टर सरकार उसे संरक्षण दे रही है। उन्होंने इस बात पर भी दुख जताया कि 600 किसानों की मौत हुई लेकिन सरकार की तरफ से किसी ने सांत्वना के एक शब्द भी नहीं बोले। उन्होंने कहा, "मैं एक किसान का बेटा हूं। उनका मर्म जानता हूं।"

गवर्नर ने आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जानबूझकर किसानों पर लाठी चलवा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार ने किसानों पर बल प्रयोग नहीं किया। उन्होंने कहा, "किसान आंदोलन को देखते हुए मैंने शीर्ष नेतृत्व से बोला था कि किसानों पर बल प्रयोग न करें।"

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