शिलांग: मेघालय सरकार ने सोमवार को पूर्व उग्रवादी नेता चेरिशस्टारफील्ड थांगख्यू की मौत की न्यायिक जांच का आदेश दे दिया। इसी मांग को लेकर राज्य के गृह मंत्री लहकमन रिम्बुई ने रविवार को इस्तीफा दे दिया था। थांग्ख्यू पिछले सप्ताह एक मुठभेड़ में मारे गए थे।
रिम्बुई ने रविवार को कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक की। इसमें मैंने उनसे 13 अगस्त की घटना के बारे में बात की और पूरे मामले के बारे में बताया। मैंने गृह विभाग से मुझे सेवामुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री को लिखने के लिए कहा है। मेरा प्रस्ताव है कि मामले की न्यायिक जांच की जाए, ताकि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में मामले के सभी तथ्यों को सामने लाया जा सके।
दरअसल, 13 अगस्त को पूर्व विद्रोही नेता चेरिशस्टारफील्ड थांगख्यू की उनके घर पर पुलिस छापेमारी के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद से शिलॉन्ग के कुछ हिस्सों में हिंसा देखी गई।
रविवार को जाआव इलाके में अज्ञात लोगों ने मावकिनरोह पुलिस चौकी के एक पुलिस वाहन में आग लगा दी। थांगख्यू के परिवार ने उनकी मौत को निर्मम हत्या करार दिया है। इसके लिए उन्होंने पुलिस को दोषी बताया है।
उनके अंतिम संस्कार में रविवार को सैकड़ों लोगों ने काले झंडों के साथ शिरकत की। इससे पहले शनिवार को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा था कि राज्य सरकार विद्रोही समूह के पूर्व नेता की मौत की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी। मामले में पुलिस की दलील है कि थांगख्यू ने भागने की कोशिश की थी और पुलिसकर्मियों पर चाकू से हमला भी किया था।
जवाबी कार्रवाई में उन पर गोलियां चलानी पड़ी थी। गुरुवार की रात उनके घर पर छापा मारा गया था, इस सबूत के आधार पर कि वे लैतुमखरा में एक विस्फोट में शामिल था। पूर्व विद्रोही नेता ने अक्टूबर 2018 में आत्मसमर्पण किया था।