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गंगटोक: उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले में लगातार बारिश से बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के कारण 15 विदेशी नागरिक सहित 1,200 से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भूस्खलन और भारी बारिश के कारण पर्वतीय राज्य में 9 लोगों की मौत हो गई है। संपत्तियों को नुकसान पहुंचा तथा कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क, बिजली और खाद्य आपूर्ति तथा मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गए। सिक्किम के पर्यटन एवं नागर विमानन विभाग के प्रधान सचिव सी एस राव ने एक बयान में कहा, ‘‘प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क अवरुद्ध हो जाने से लगभग 1,200 घरेलू और 15 विदेशी पर्यटक (थाईलैंड के दो, नेपाल के तीन, बांग्लादेश के 10) मंगन जिले के लाचुंग में फंसे हुए हैं।''

सीएम ने की उच्च स्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए मिंटोकगांग में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। भूस्खलन से पर्वतीय राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी है। 60 विधानसभा सीटों वाले अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी को रुझानों में बहुमत हासिल हो चुकी है। वहीं, 32 सीटों वाले सिक्किम विधानसभा में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) क्लीन स्वीप की तरफ आगे बढ़ रहा है। दोनों ही राज्यों में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। सिक्किम में कुल 79.88 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि अरुणाचल प्रदेश में 82.95 प्रतिशत वोट डाले गए थे।

सिक्किम में सत्तारूढ़ प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व वाले सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) और पवन कुमार चामलिंग के सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के बीच मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा और कांग्रेस ने भी सिक्किम में अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 146 उम्मीदवारों में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय, पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग, पूर्व भारतीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया और भाजपा के नरेंद्र कुमार सुब्बा शामिल हैं।

गंगटोक: सिक्किम में तबाही के बीच जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 3 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आए बाढ़ में अब तक 40 लोगों की मौत की खबर है। इसमें सेना के 7 जवान भी शामिल हैं। बाढ़ में 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के तीसरे दिन मरने वालों की संख्या 40 हो गई। डाउनस्ट्रीम सर्च और रेस्क्यू टीमों ने रातभर में कई शव निकाले हैं, क्योंकि पानी बंगाल की खाड़ी की ओर ग्रामीण इलाकों से होकर गुजर रहा था।

सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक ने कहा, "लाचेन और लाचुंग में करीब 3000 लोग फंसे हुए हैं। बाइक से वहां गए 3150 लोग भी बाढ़ के कारण फंस गए हैं। 700-800 ड्राइवर भी अटके हुए हैं। सेना और वायु सेना के हेलिकॉप्टरों से सभी को निकाला जा रहा है।"

गंगटोक: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से मची तबाही में अब तक 14 लोगों के शव मिले हैं जबकि 22 सैन्यकर्मियों समेत 102 लोग लापता हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में बताया कि बुधवार को आई आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि लापता 22 सैन्यकर्मियों की तलाश निचले इलाकों में ध्यान केंद्रित करते हुए की जा रही है क्योंकि संभावना है कि पानी का तेज बहाव उन्हें नीचे की ओर ले गया होगा। एसएसडीएमए ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा से प्रभावित चार जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं।

गंगटोक जिले के आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोगों ने शरण ली है जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में रह रहे लोगों के आंकड़ें अभी उपलब्ध नहीं हुए हैं।

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