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चंडीगढ़: सरकारी नौकरियों में आरक्षण सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर हरियाणा के जाट समुदाय के लोगों ने आज दूसरे दिन भी प्रदेश के 18 जिलों में अपना प्रदर्शन जारी रखा।अधिकारियों का कहना है कि व्यापक सुरक्षा इंतजाम के बीच जाटों ने विभिन्न स्थानों पर धरना दिया। सभी प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, ‘18 जिलों में धरना शांतिपूर्ण रहा’ उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में जाट तीन फरवरी से दिल्ली में भी धरना देंगे। उन्होंने कहा, ‘तीन फरवरी को नरेला से धरने की शुरूआत होगी और आने वाले दिनों में दिल्ली के 11 जिलों में रोजाना धरने दिए जाएंगे।’ आरक्षण को लेकर फिर से आंदोलन शुरू करने का आह्वान कुछ ही जाट संगठनों ने किया है। ये संगठन विशेष रूप से अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के विश्वासपात्र हैं। जाट समुदाय के लोग कल से ही हिसार-भिवानी रेलवे ट्रैक के पास रामायण गांव में, सोनीपत-गोहणा रोड पर जोलिलाथ गांव में, रोहतक राजमार्ग पर जस्सिया गांव में, झज्जर के रसलवाला चौक पर, पानीपत-शामली रोड के पास उमराखेड़ी गांव में और करनाल के बाला गांव सहित विभिन्न स्थानों पर शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। मलिक ने कहा कि कल से और कुछ जिलों में प्रदर्शन शुरू होंगे। धरना स्थलों के आसपास इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गयी है ताकि अफवाहें ना फैलें। 

चंडीगढ़: समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए जाट संगठनों के सदस्यों ने हरियाणा के ज्यादातर जिलों में रविवार को अपना आंदोलन शुरू किया। ताजा आंदोलन का अह्वान कुछ जाट संगठनों की ओर से किया गया है, इनमें विशेष रूप से यशपाल मलिक के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े लोग शामिल हैं। मलिक ने बताया कि जाट समुदाय के लोग हिसार-भिवानी रेलवे ट्रैक के पास रमायण गांव में, सोनीपत-गोहना रोड पर जोलिलाथ गांव में, रोहतक राजमार्ग पर जासिया गांव में, झज्जर के रसालवाला चौक पर, पानीपत-शामली रोड के पास उमराखेड़ी गांव में और करनाल के बाला गांव में शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य के यमुनानगर, पंचकूला और मेवात जिलों में 31 जनवरी को प्रदर्शन शुरू होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘धरने शांतिपूर्ण होंगे। हम रेल या सड़क यातायात अवरूद्ध नहीं कर रहे हैं।’ पिछले वर्ष जाट आंदोलन में हुई हिंसा ने 30 लोगों की जान ली थी जबकि राज्य की संपति को भारी नुकसान पहुंचाया था। अधिकारियों ने कहा, हालांकि, इसबार हरियाणा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि रोहतक, सोनीपत, झज्जर और अन्य स्थानों सहित सभी संवेदनशील जिलों में एहतियात के तौर पर धारा 144 (निषेधाज्ञा) लगा दी गयी है। हरियाणा के अवर मुख्य सचिव (गृह) राम निवास ने कहा, ‘हम किसी भी हालत से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

चंडीगढ़: हरियाणा में जाटों द्वारा 29 जनवरी से प्रस्तावित आरक्षण आंदोलन के नए दौर के बीच राज्य सरकार ने आज (मंगलवार) प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कानून व्यवस्था कायम रहे तथा दिल्ली की पेयजल आपूर्ति जैसे सभी प्रमुख महत्वपूर्ण बिन्दुओं को सुरक्षा उपलब्ध हो। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां कहा कि सभी प्रशासनिक सचिवों, संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को भेजे गये पत्र में उन्हें स्थिति पर करीबी नजर रखने तथा तत्काल जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया। प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि करनाल तथा सोनीपत में दिल्ली को पेयजल आपूर्ति जैसे सभी प्रमुख महत्वपूर्ण बिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। साथ ही जीटी रोड और रोडवेज डिपो पर यातायात आवागमन भी सुनिश्चित हो।’ उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने कर्मियों तथा जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद से अपने प्रतिष्ठानों और सेवाओं की सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को आंदोलन के आह्वान के बीच लोगों से संपर्क करने का कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया जाता है।

चंडीगढ़: जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में गैंगरेप के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को फटकार लगाई है। हाइकोर्ट ने कहा कि मुरथल में गैंगरेप हुआ था और इसके सबूत हैं। हाइकोर्ट ने चश्मदीदों के बयान और फटे कपड़ों को सबूत माना है। कोर्ट ने हरियाणा पुलिस से गुनहगारों को जल्द गिरफ़्तार करने को कहा है। साथ ही मामले की जांच कर रही एसआईटी को सोनीपत की अदालत में हलफ़नामा दाख़िल कर गैंगरेप की धारा नहीं हटाने को कहा है। दरअसल, हरियाणा सरकार और मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का लगातार यह कहना रहा है कि मुरथल में कोई गैंगरेप नहीं हुआ, सिर्फ छेड़छाड़ हुई थी। इस मामले में एसआईटी द्वारा दो चश्‍मदीदों टूर ऑपरेटर बॉबी जोशी और टैक्‍सी ड्राइवर राजकुमार के बयान रिकॉर्ड किए गए थे। इन दोनों ने एसआईटी को दिए अपने बयानों में साफ तौर पर कहा कि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मुरथल के पास उपद्रवी महिलाओं को जबरन खींचकर झाडि़यों, खेतों की तरफ ले जा रहे थे। साथ ही हाईवे पर मिले फटे कपड़ों और उन पर मौजूद निशानों से यह साफ था कि महिलाओं के साथ बदसलूकी हुई थी। लिहाज़ा, इन बयानों और सबूतों के आधार पर हाईकोर्ट ने कहा है कि यह सबूत यह दर्शाने के लिए काफी हैं कि वहां महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, बलात्‍कार हुआ। अब एसआईटी अपने प्रयासों को तेज करते हुए आरोपियों को जल्‍द से जल्‍द गिरफ्तार करे

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