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नई दिल्ली: जवाहार लाल नेहरू (जेएनयू) यूनिवर्सिटी में लगे देशविरोधी नारों के बाद देशभर में मचे बवाल के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को फैसला लिया कि देश की सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फीट का राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा ताकि कैंपस में राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा सके। सबसे पहला तिरंगा जेएनयू में लगाया जाएगा जहां छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किए जाने के बाद से बवाल मचा हुआ है। सभी विश्वविद्यालयों में ये तिरंगे रोज फहराए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि तिरंगे पर फैसला मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा गुरुवार को बुलाई गई सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक में लिया गया। सूत्रों के अनुसार, तिरंगे से देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा मिलेगा जिसकी मदद से उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक पिछले महीने कथित सामाजिक भेदभाव के आरोपों के बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कैंपस में दलित छात्र रोहित वेहमुल्ला ने आत्महत्या कर ली थी।

रोहित की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में विपक्षी दल और छात्र उनके समर्थन में उतर आए। उल्लेखनीय है कि 9 फरवरी को जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए जाने के बाद कुमार को गिरफ्तार किया गया। सरकार और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का कहना है कि जेएनयू में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए जाने में यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र शामिल हैं।

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