ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): स्मृति ईरानी के बयानों पर उठा हंगामा अभी थमा भी नहीं है कि केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया अपने बयान से विवादों में आ गए हैं। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसकी वजह से लोकसभा को तीन बार और राज्यसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा। लोकसभा की कार्यवाही शोरशराबे के बीच 2 बजे तक स्थगित की गई है। विपक्ष के सदस्य हमें न्याय चाहिए के नारे लगा रहे थे। विपक्ष कठेरिया को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है। आज (मंगलवार) को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया। लोकसभा में हंगामें के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही चलती रही। विपक्षी सदस्य बेल में आकर अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने स्मृति ईरानी के खिलाफ दिए गए विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस का मामला उठाया। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12.15 बजे तक स्थगित कर दी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह सेना को भीड़ को गोली मारने का आदेश नहीं दे सकती। न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान अनियंत्रित भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए सेना को मुक्त हस्त देने की मांग की गई थी। प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सक्षम है और जब भी स्थिति पैदा होगी चीजों का खयाल रखा जाएगा। पीठ ने कहा, ‘आप हमसे चाहते हैं कि हम सेना को भीड़ को गोली मारने का निर्देश जारी करें। हम इस तरह का निर्देश नहीं जारी कर सकते। हम सेना को उग्र भीड़ पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दे सकते। जब भी स्थिति पैदा होगी चीजों का खयाल रखा जाएगा। सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सक्षम है।’

नई दिल्ली: भाजपा के हमलों से अविचलित पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में दूसरे हलफनामे का आज (सोमवार) समर्थन किया और जोर देकर कहा कि वह ‘बिल्कुल सही’ था और और तत्कालीन मंत्री के तौर पर ‘मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।’ पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में इस बात पर अप्रसन्नता जतायी कि पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने हलफनामा मुद्दे से स्वयं को अलग कर लिया है जबकि वह ‘समान रूप से जिम्मेदार’ हैं। पिल्लई ने कहा है कि हलफनामा बदलने का निर्णय ‘राजनीतिक स्तर’ पर लिया गया। चिदंबरम ने साथ ही अफजल गुरू को फांसी के मुद्दे पर अपनी टिप्पणियों को उचित ठहराया। ‘मैं उस समय सरकार का हिस्सा था। मैं स्वयं को सरकार से अलग कैसे कर सकता हूं।’ उन्होंने हलफनामा मुद्दे पर विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मामले में दूसरा हलफनामा इसलिए दायर किया गया क्योंकि पहला ‘अस्पष्ट’ था।

नई दिल्ली: विपक्ष ने आज (सोमवार) बजट की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इसे किसानों के अनुकूल बताना ‘सिर्फ जुमलेबाजी’ है और ‘खोखले वादों’ से सरकार किसानों को ‘मुर्ख’ नहीं बना सकती। वहीं भाजपा ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण भारत के लिए किए उपाय ‘ऐतिहासिक’ हैं। कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह रोजगार सृजन सहित आर्थिक चुनौतियों को दूर करने के लिए ‘तत्काल प्रोत्साहन प्रदान करने में नाकाम रहा है।’ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इसमें किसी ‘बड़े विचार’ का अभाव है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बजट में ‘दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता’ दोनों का अभाव है। उन्होंने कहा कि ‘पिछले दो बजटों में किए गए बड़े-बड़े वादों की नाकामी’ पर गौर किए बिना नए वादे किए गए हैं। राहुल ने ट्वीट किया, ‘मोदीजी ने पहले दो साल ग्रामीण विकास और सामाजिक व्यय, मनरेगा और किसानों पर कांग्रेस पार्टी के ध्यान केंद्रित करने का उपहास किया। अब सिर्फ जुमलेबाजी, बिना दृष्टि और कार्रवाई के न तो किसान और न ही इस देश के गरीब मूर्ख बनेंगे।’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख