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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय मुद्दो के बारे में कथित तौर पर गलतबयानी किए जाने को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को निशाने पर लिया और उनके खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के नोटिसों पर अपनी बात रखने की अनुमति देने का अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पर दबाव बनाया। कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने ईरानी पर आरोप लगाया कि उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर सदन को ‘गलतबयानी’ के जरिए पूरी तरह ‘गुमराह’ किया है। विपक्ष ने सुबह से ही इस मामले को सदन में उठाया और अपनी बात रखने का दबाव बनाया। इसके चलते सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी प्रश्नकाल समाप्त होने पर विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा इन मुद्दों को उठाने का दबाव डाले जाने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति दी। कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला मामले में सदन को यह कह कर गुमराह किया है कि आत्महत्या करने वाले इस छात्र को समय रहते कोई डाक्टर देखने नहीं आया।

उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपने जवाब में जो यह आरोप लगाया था कि संप्रक सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहते कपिल सिब्बल ने एक विवादास्पद पाठ्यपुस्तक को स्कूलों में लगाने की अनुमति दी थी, वह पूर्णत: गलत है। वेणुगोपाल ने कहा कि वह पुस्तक तो 2001 में ही हटा ली गई थी और उस समय सिब्बल मानव संसाधन विकास मंत्री नहीं थे। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने स्मृति ईरानी के सदन में कुछ दिन पहले दिये गए बयान की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एक संवेदनशील मुद्दे को गलत राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। माकपा के मोहम्मद सलीम ने भी आरोप लगाया कि मानव संसाधन विकास मंत्री ने वेमुला मामले में सचाई रखने के बजाय गलतबयानी का सहारा लिया और ऐसा करके उन्होंने सदन का इस्तेमाल देश को गुमराह करने के लिए किया। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि रोहित वेमुला को समय पर चिकित्सीय सेवा उपलब्ध नहीं करायी गई। हालांकि विश्वविद्यालय की मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि वह समय पर पहुंच गई थी। भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल ने ईरानी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर वह बातें कहीं थीं। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने ईपीएम का मुद्दा उठाना चाहा जिस पर सदन में मौजूद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि हमने मामले का संज्ञान लिया है और बजट पर चर्चा के दौरान इस पर स्पष्टीकरण देंगे। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने आगरा में कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया के उस कथित बयान का मुद्दा उठाना चाहा जिसमें उन्होंने आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय के विरूद्ध कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी की थी लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी।

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