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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में आज (बुधवार) नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर लेते हुए उन पर आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने आतंकवाद का प्रसार करने वाले जिस पाकिस्तान को सबसे मिल कर दुनिया भर में अलग-थलग कर एक पिंजरे में डाल दिया था उसे वर्तमान प्रधानमंत्री ने किसी से सलाह मशविरा किए बिना, अकेले ही उस पिंजरे से निकाल दिया। राहुल ने कहा कि ऐसा करके मोदी ने न सिर्फ पाकिस्तान को एक सम्मान दिया बल्कि राष्ट्र ध्वज का भी अपमान किया है। लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी पर ताबड़तोड़ प्रहार करते हुए कहा, संप्रग ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग कर दिया था। हमने उसकी प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नष्ट किया। दुनिया को यह विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान वैश्विक आंतकवाद का समर्थक है। उन्होंने कहा कि हमारे तब के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने सेना, राजनयिकों, खुफिया तथा अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञों और यहां तक कि विपक्ष को भी साथ लेकर पाकिस्तान को अलग थलग करने का काम किया।

नई दिल्ली: इशरत मामले पर भाजपा के भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है। यह नोटिस इशरत केस में नई जानकारियों पर दिया गया है। भाजपा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 'फंसाने' की मंशा से इशरत जहां 'फर्जी' मुठभेड़ मामले में पिछली संप्रग सरकार के ढुलमुल रवैये के मुद्दे पर कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को आड़े हाथ लिया। भाजपा ने मांग की कि इस मामले में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं की भूमिका की जांच होनी चाहिए। इशरत जहां मामले पर सोनिया गांधी ने कहा, चिदंबरम ने पहले ही कहा है कि हम पर इसलिए निशाना साधा जा रहा है, क्योंकि हम सत्ता में थे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उस कथित फर्जी मुठभेड़ की सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए, जिसमें इशरत और उसके साथी मारे गए थे। प्रसाद ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने पूरी सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया। भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रसाद ने जांच की मांग के लिए तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लई और तत्कालीन अवर सचिव आर वी एस मणि के बयान का हवाला दिया।

नई दिल्ली: शिवसेना के सांसद ने लोकसभा में देश के राष्ट्रगान में बदलाव किए जाने की मांग उठाई। सदन में नियम 377 के तहत शिवसेना के अरविंद सावंत ने यह मामला उठाते हुए कहा कि देश के राष्ट्रगान को महान कवि रविन्द्र नाथ ठाकुर ने लिखा था और इसे संसद ने देश के राष्ट्रगान के रूप में मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान की तीसरी पंक्ति में ‘‘पंजाब , सिंध , गुजरात... ’’ की बात कही गई है। उन्होंने सदन का ध्यान आकृष्ट किया कि सिंध नाम का कोई प्रांत भारत में नहीं है इसलिए संसद को राष्ट्रगान में जरूरी संशोधन करने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद को राष्ट्रगान में सही शब्दों का बदलाव करने के लिए इसमें अविलंब संशोधन करना चाहिए।

नई दिल्ली: इशरत जहां मुठभेड़ मामले में हलफनामों को लेकर मंगलवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया और भाजपा ने जहां कांग्रेस पर इस सनसनीखेज मुठभेड़ मामले में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और जांच की मांग की वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए दुष्प्रचार का आरोप लगाया। कांग्रेस ने पूछा कि क्या मोदी सरकार दोषी पुलिसकर्मियों के अभियोजन को रोकने के लिए मामले में हस्तक्षेप कर रही है। गृह मंत्रालय में अवर सचिव रहे आर वी एस मणि के एक साक्षात्कार से यह बहस शुरू हुई जिन्होंने दो हलफनामे दाखिल किये थे। इंटरव्यू में मणि ने आरोप लगाया कि उन्हें मामले में वरिष्ठ आईबी अधिकारियों को फंसाने के लिए प्रताड़ित किया गया था ताकि यह पेश किया जा सके कि इशरत और अन्य तीन लश्कर आतंकवादियों के साथ 2004 में अहमदाबाद में हुई मुठभेड़ फर्जी थी। मणि का कहना था कि दूसरा हलफनामा दाखिल करने के फैसले के पीछे चिदंबरम थे।

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