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नई दिल्ली: कई कांग्रेसी नेताओं ने यहां एक प्रदर्शन के दौरान राजग सरकार पर जमकर हमला बोला और उस पर दलित विरोधी होने और देश के युवाओं की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। दिग्विजय सिंह, जितिन प्रसाद, राज बब्बर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, ऑस्कर फर्नांडिस और शैलजा कुमारी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने जंतर-मंतर पर आयोजित प्रदर्शन के दौरान दलितों और छात्रों के खिलाफ कथित अत्याचार और उनके विरोध के स्वर को दबाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला बोला। हैदराबाद के शोधार्थी रोहित वेमुला की मां राधिका ने भी तेलुगू में प्रदर्शन स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। युवा कांग्रेस के कई सदस्यों ने वहां से संसद भवन के लिए मार्च किया लेकिन उन्हें संसद मार्ग पर हिरासत में ले लिया गया। दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को मूलत: दलितों, आदिवासियों, किसानों और श्रमिकों के खिलाफ बताया।

उन्होंने कहा, रोहित हम लोगों के बीच नहीं है लेकिन डॉक्टर अंबेडकर की तरह उसने समाज को नींद से जगा दिया। जेएनयू छात्रों का समर्थन करने वाले राहुल गांधी के पक्ष में उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि राहुल को जेएनयू नहीं जाना चाहिए था लेकिन हम लोगों ने पूछा कि क्यों नहीं? कन्हैया कुमार के साथ अन्याय हुआ जो निर्दोष है। देशद्रोह के आरोपों में जेल भेजने के बाद पुलिस अब कह रही है कि भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए उनका (कन्हैया का) कोई वीडियो नहीं है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने 22 महीने के शासनकाल के दौरान देश में युवाओं की आवाज को दबाने और गरीबों के शिक्षा के अधिकार पर हमला करने का सबसे खतरनाक काम किया है। राधिका ने देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में जाति के आधार पर छात्रों के साथ भेदभाव को समाप्त करने वाले एक कानून बनाये जाने की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा, मेरे बेटे के साथ अन्याय हुआ और उसी की तरह देश के अन्य विश्वविद्यालयों में कई अन्य की मौत हो गयी और न्याय होना चाहिए। विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर छात्रों के साथ भेदभाव ना हो इसको लेकर सरकार को एक आदेश पारित करना चाहिए। उनके वक्तव्य का हिंदी में अनुवाद किया गया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री दलित और छात्र विरोधी हैं और मेरे बेटे को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा। युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह बरार ने मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी पर हमला बोलते हुए वेमुला की खुदकुशी के बाद उनके हैदराबाद विश्वविद्यालय नहीं जाने पर सवाल खड़ा किया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने संसद मार्च के दौरान दो बैरिकेड तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने उनके मार्च को रोक लिया। पुलिस ने उन पर पानी की बौछार भी छोड़ी और कुछ लोगों को हिरासत में लिया।

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