नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कन्हैया कुमार 'मुफ्त में प्रचार का आनंद' ले रहे हैं। नायडू ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को राजनीति करने की बजाय पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कन्हैया की दिलचस्पी राजनीति में है, तो उसे अपनी 'पसंदीदा पार्टी' में शामिल हो जाना चाहिए, जिसकी 'नुमाइंदगी अभी संसद में इकाई अंक में भी नहीं है।' उन्हें विश्वविद्यालयों में ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने में अधिकारियों की मदद करने दें। वहीं, जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अपने 'आजादी' वाले भाषण से गैर-भाजपा नेताओं की खूब तारीफ बटोरी है। अपने भाषण में कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। कन्हैया की तारीफ करते हुए गैर-भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह सही है।
इन नेताओं ने कहा कि कन्हैया उन लोगों से ज्यादा राष्ट्रवादी हैं, जो उन पर देशद्रोह का आरोप लगा रहे हैं। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद जेएनयू परिसर पहुंचे 29 साल के कन्हैया ने अपने 66 मिनट के भाषण में जमकर चुटकियां ली और तंज कसे। बहरहाल, भाजपा नेताओं को कन्हैया का भाषण जरा भी रास नहीं आया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गरीबी और असहनशीलता से आजादी की कन्हैया की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि यह 'प्रतिभाशाली' युवा नेता उन लोगों से ज्यादा राष्ट्रवादी हैं, जो उन पर देशद्रोह के आरोप लगा रहे हैं। पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में नीतीश ने कहा कि जेल से रिहाई के बाद जेएनयू में कन्हैया कुमार का भाषण बहुत प्रभावी है। उन्होंने जो भी कहा, सही कहा। जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश ने कहा कि कन्हैया कुमार ने कहा कि हम भारत से आजादी नहीं बल्कि भारत में आजादी की बात करते हैं और इस बाबत आजादी मांगते हैं। अपने विचार प्रभावी तरीके से रखने के लिए कन्हैया की तारीफ करते हुए नीतीश ने कहा कि कन्हैया कुमार ने अपना नजरिया सामने रखा कि भूख, गरीबी और असहनशीलता से आजादी मिलनी चाहिए। नीतीश ने कहा कि यह साबित करता है कि हमारी नई पीढ़ी में बहुत क्षमता है। ऐसे प्रतिभावान छात्र और युवा के आगे आने से देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होंगी। कन्हैया का भाषण देखकर ट्वीट किया था, 'क्या शानदार भाषण दिया कन्हैया ने।' वहीं, केजरीवाल ने कहा कि मैंने आपको कितनी बार बोला मोदी जी, कि छात्रों से मत उलझो। मोदी जी ने ध्यान ही नहीं दिया। ‘आप’ नेता ने ट्वीट किया, 'कन्हैया का भाषण कई बार सुना। क्या गजब की स्पष्टता के साथ अपनी सोच जाहिर की। उन्होंने वही कहा जो ज्यादातर लोग महसूस कर रहे हैं। ईश्वर उनका भला करे।' माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाषण इस बात का 'प्रमाण' है कि जेएनयू के छात्र एक बेहतर भारत बनाने की मांग कर रहे हैं और वे भारतीय गणतंत्र के धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक चरित्र की हिफाजत करने वाले 'सच्चे सिपाही' हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से कहती आई है कि कन्हैया ने कभी कोई देशद्रोह की बात नहीं कही और कल उन्होंने अपने भाषण के जरिए इसे और स्पष्ट कर दिया। कन्हैया के भाषण की तारीफ करते हुए जदयू प्रमुख शरद यादव ने कहा कि हमारे देश में ज्यादा से ज्यादा 'कन्हैया कुमार' होने चाहिए 'ताकि लोग बेखौफ जी सकें और बेखौफ सो सकें, क्योंकि वह सच्चे राष्ट्रवादी हैं और देशद्रोही नहीं है, जैसा भाजपा ने उनके बारे में दुष्प्रचार किया।' गौरतलब है कि कन्हैया भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की छात्र शाखा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के सदस्य हैं। लोकसभा और राज्यसभा में भाकपा के सिर्फ एक-एक सदस्य हैं।