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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र और राज्यों के बीच निकट सहयोग की चकालत करते हुए आज कहा कि इसके बिना विकास परियोजनाएं प्रभावित होंगी। अंतर-राज्यीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि राजग सरकार का मुख्य ध्यान संघवाद अथवा प्रतिस्पर्धी संघवाद के जरिए सहयोगात्मक संघवाद को बढ़ावा देने पर है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि केंद्र और राज्य निकट एवं सक्रिय सहयोग तथा समन्वय के माध्यम से विकास से संबंधित नीतियां तय करें और उनको लागू करें।’ गृह मंत्री ने कहा, ‘अगर राज्यों के बीच तथा केंद्र एवं राज्यों के बीच विचारों की भिन्नता होगी तो यह काफी स्वाभाविक है कि विकास की परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर विपरीत असर होगा।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मजबूती के साथ यह मानना है कि देश के विकास में केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिंह ने कहा, ‘इस कारण केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को धन का आवंटन बढ़ाया है।’ उन्होंने कहा कि नीति आयोग की स्थापना के साथ पूर्व योजनाओं के साथ जुड़ी कमियों को दूर कया है। गृह मंत्री ने कहा, ‘अब हर राज्य नीति बना सकता है और योजनाओं को जरूरतों के मुताबिक लागू कर सकता है।’

नई दिल्ली: अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी छह कैबिनेट समितियों का पुनर्गठन किया है। सबसे चौंकाने वाली बात है कि संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीपीए से स्मृति ईरानी को हटा दिया गया है। ईरानी बतौर मानव संसाधन विकास मंत्री इस समिति में शामिल थीं। मोदी सरकार के गठन के तुरंत बाद कपड़ा मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री संतोष गंगवार, संसदीय कार्य राज्य मंत्री के तौर पर इस समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य थे। लेकिन स्मृति ईरानी को वस्त्र मंत्रालय की कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद अब इस समिति में जगह नहीं मिल सकी। कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद ईरानी को छह कैबिनेट समितियों में से किसी में भी जगह नहीं मिल सकी है। हालांकि स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्रियों के साथ दो राज्य मंत्रियों को भी कैबिनेट समितियों का हिस्सा बनाया गया है। नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीपीए में जगह दी गई है। नए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार भी इसमें शामिल किए गए हैं। मुख्तार अब्बास नकवी, जिन्हें अल्पसंख्यक मामलों में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में पदोन्नत किया गया है, उन्हें सीसीपीए में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री एस.एस. अहलूवालिया और कानून राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी को भी इस समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। यह समिति संसद सत्र के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लेती है।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को कौशल विकास पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि आबादी को बोझ बनने और विस्फोटक स्थिति उत्पन्न होने से रोका जा सके। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत की आबादी 1.28 अरब है और यह आबादी तेजी से बढ़ रही है। ‘इंडिया स्किल्स के प्रथम संस्करण का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘अकसर हम इस मुहावरे का उपयोग करते हैं कि भारत की आबादी उसकी लाभ की स्थिति है। हम आबादी के फायदे का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आबादी है।’ उन्होंने कहा, ‘यह सवाल हमें भयभीत कर रहा है कि जब तक हम इससे ठीक ढंग और समय से नहीं निपटेंगे, यह आबादी हमारे लिए बोझ बन सकती है और स्थिति विस्फोटक बन सकती है या तो हम इसे निष्क्रिय किया जाए या इसे लाभ की स्थिति में बदला जाए।’ राष्ट्रपति ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की पांच पहल को भी पेश किया। उन्होंने कहा कि सभी पहल का मकसद युवाओं में कौशल विकास एवं उन्नयन है।

नई दिल्ली: केंद्र ने आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में 2013 में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद एसआईटी जांच शुरू कर दी गई है और इस साल आरोपपत्र दायर किए जाने की संभावना है । न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार के अभिवेदन पर विचार किया और उस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच और कुछ उन नेताओं तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी, जिनके नाम का जिक्र कथित तौर पर हेलीकॉप्टर घोटाले में एक इतालवी अदालत के फैसले में किया गया है । सुनवाई के दौरान कुमार ने पीठ से कहा कि कोई भी अदालत से उपर नहीं है और मामले की गहन जांच की जा रही है जिसमें आरोपपत्र दायर किया जाएगा । शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर छह मई को केंद्र से जवाब मांगा था । याचिका में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित राजनीतिक नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर जोर दिया गया था जिनके नामों का जिक्र कथित तौर पर इटली की अदालत के फैसले में किया गया था । मामला राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित अति विशष्ट लोगों को लाने-ले जाने के वास्ते 12 हेलीकॉप्टरों का सौदा हासिल करने के लिए फर्म द्वारा भारतीयों को दी गई कथित रिश्वत से जुड़ा है ।

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