ताज़ा खबरें

नई दिल्ली: उत्तराखंड, अरूणाचल प्रदेश समेत कुछ गैर राजग शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने एवं गिराने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है बल्कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संकट के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो रही है जहां वह पार्टी खुद ही टूट रही है। राजनाथ ने कहा कि चुनी हुई लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने की आदत कांग्रेस पार्टी की रही है और आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी ने 105 बार लोकप्रिय एवं चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराने का काम किया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के मल्लिकाजरुन खडगे द्वारा इस विषय को उठाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी राज्य सरकार को अस्थिर करना स्वस्थ परंपरा नहीं है, ऐसे कार्य स्वस्थ्य परंपरा के खिलाफ है। उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में दुर्भाग्यपूर्ण हालात कांग्रेस के आंतरिक संकट के कारण पैदा हुए। इससे भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। ’’ गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद टूट गई, इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर नाव में छेद हो तब छेद वाली नाव को पानी में नहीं उतारना चाहिए, नहीं तो वह डूब जायेगी। इसके लिए पानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।’’

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जिम्मेदार बताने संबंधी राहुल गांधी के बयानों पर कहा कि राहुल गांधी को संघ की सामूहिक निंदा नहीं करनी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से कहा है कि या तो वह इस मामले पर माफी मांगे या फिर केस का सामना करें। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा, 'अगर आप माफी नहीं मांगते हैं तो आपको केस का सामना करना ही होगा।' गौरतलब है कि राहुल ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की पीठ ने कहा, ‘हमारा यह मानना है कि यह ऐतिहासिक रूप से सही हो सकता है लेकिन तथ्य या बयान लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए। आप सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं कर सकते।’ पीठ ने कहा कि ‘स्वतंत्रता को दबाया या कुचला नहीं गया है। मानहानिपूर्ण बयान पर अंकुश लगाया गया है। लेखक, नेता, आलोचक या विपक्षी क्या कहते हैं, आप में उसे सहन करने की महान क्षमता होनी चाहिए।’ पीठ ने राहुल के भाषण पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया कि ‘उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्य का उद्धरण देकर भाषण क्यों दिया।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्होंने अपने विवेक से काम लिया है और राहुल गांधी को मामले में मुकदमे का सामना करना होगा। पीठ ने कहा, ‘हमें देखना है कि याचिकाकर्ता के आरोप भादंसं की धारा 499 (मानहानि) के तहत आते हैं या नहीं। फैसला हो चुका है। अगर आपने खेद नहीं जताया तो आपको मुकदमे का सामना करना होगा।’

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी विधेयक को राज्यों के हित में बताते हुए इसकी राह तैयार करने पर सर्वसम्मति के लिए काम करने का वादा किया। राजग घटकों की एक बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार सभी दलों से बात करेगी और इसे पारित कराने के लिए सर्वसम्मति बनाएगी। सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने राजग नेताओं के समक्ष जीएसटी विधेयक की महत्ता और इसे पारित कराने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘जीएसटी विधेयक पर (राजग के) सभी दल साथ है। प्रधानमंत्री ने उन सबको इसकी महत्ता और इसे पारित कराने की जरूरत पर बताया।’ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार जीएसटी विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्षी दलों के साथ और बैठकें करेगी। बैठक के बाद एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हमारी तरफ से हमने सभी राजनीतिक दलों को साफ कर दिया है कि हम खुले दिल से और चर्चा के लिए तैयार हैं। जीएसटी विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने के लिए हम आगे बढ़ने को तैयार हैं।’

नई दिल्ली: सरकार ने कहा है कि कश्मीर में बिगड़े हालात के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। कश्मीर की समस्या का समाधान स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों से बातचीत करके किया जाएगा। स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए सरकार हरसंभव उपाय कर रही है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कश्मीर में हाल में हुई हिंसक घटनाओं पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कश्मीर में हिंसा की घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह वहां जाकर स्थानीय लोगों से सीधा संवाद करना चाहते है, लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्थिति सामान्य होने के बाद आने का अनुरोध किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर के नौजवानों को कुछ ताकतें बरगलाने की कोशिश करती हैं। उन्हें आजादी की बात कहकर उकसाया जाता है। कश्मीर में जनमत संग्रह का अब कोई महत्व नहीं है। यह अप्रासंगिक बात हो गयी है। कश्मीर के नौजवान हमारे हैं और हम उन्हें सही रास्ते पर लाने की कोशिश करेंगे। मुसलमानों की चिंता भारतवासी करेंगे। हिंदू, सिख, ईसाई, सब मिलकर उनके हितों की रक्षा करेंगे। कश्मीर में अत्याधिक बल प्रयोग का मामला समीक्षा का विषय हो सकता है। सुरक्षा बलों को कम से कम बल प्रयोग करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि भीड को नियंत्रण करने के लिए बुलेट का प्रयोग उचित नहीं है। गृहमंत्री ने बताया कि कश्मीर में हाल में 566 हिंसा की घटनाएं हुईं हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख