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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ यूपी भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की अभद्र टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा की जमकर आलोचना की। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य सभी दलों ने भाजपा नेता की गिरफ़्तारी की मांग की। सभापति पी जे कुरियन ने भाजपा नेता के इस व्यवहार की निंदा की। गुजरात के उना में दलित उत्पीड़न के मामले को लेकर सदन की कार्यवाही पांच बार स्थगित होने के बाद जब दोपहर तीन पुनः शुरू हुई तब नेता प्रतिपक्ष गुलाम नवी आज़ाद ने मायावती के खिलाफ यूपी भाजपा नेता की अभद्र टिप्पणी का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर हंगामे के चलते राज्यसभा में कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि दलित महिला के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करना शर्मनाक है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में यूपी के भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के उस बयान पर खेद व्यक्त किया, जिसमें बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। अपने नेता का यह बयान यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को भारी पड़ सकता है। जेटली ने राज्यसभा में कहा, 'मैं निजी तौर पर खेद व्यक्त करता हूं। मैं आपके सम्मान के साथ संबद्ध हूं और आपके साथ खड़ा हूं।' बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने यूपी भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार की मांग की।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सोनिया गांधी ने आज (बुधवार) लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरु होने से पहले कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सांसदों की क्लास लेते हुए सख्त निर्देश दिए कि वे सदन में उपस्थित रहें और विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरें। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों को संसद के अंदर आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि सभी सांसद संसद में मौजूद रहे और मंत्रियों को उनके वादों को हकीकत में बदलने के लिए मजबूर करे। संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस संसदीय दल बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार संस्थानों को अस्थिर कर रही है और समाज का ध्रुवीकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर में हालात संभालने में नाकाम रही है। उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार संसद में बहुमत का दुरुपयोग कर लोगों पर अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रही है। एफडीआई का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा एफडीआई का विरोध करती थी, पर अब रक्षा क्षेत्र में भी एफडीआई की इज़ाज़त दे रही है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): गुजरात के उना में दलित उत्पीड़न के मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ।  राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित किये जाने के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीँ लोकसभा से कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने सदन से वाकऑउट किया। आज सुबह दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। इस मसले पर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुजरात सरकार ने तेजी से एक्शन लिया, इसके लिए उन्हें बधाई। गुजरात सरकार को बधाई देते हुए विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि इस सरकार में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। विपक्ष के हंगामे पर राजनाथ सिंह ने कहा, मैं पूरे दिन खड़ा रहूंगा और दो टूक शब्दों में अपनी बात रखूंगा। उन्होंने कहा कि 12 तारीख को विदेश दौरे से वापस आने के बाद पीएम मोदी ने उना की घटना को लेकर मुझसे बात की। वे घटना को लेकर दुखी थे, आहत थे। उन्होंने कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी भी ली। घटना का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि 11 जुलाई 2016 की यह घटना है। इस घटना के पीड़ित एक मृत गाय की चमड़ी निकाल रहे थे। आरोपी वहां आए और लोहे और डंडे से उन्हें पीटना शुरू कर दिया। उनके फोन भी ले लिए गए। इन सभी के खिलाफ 11 जुलाई को ही केस दर्ज कर लिया गया था।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि पिछले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में खुद उनके सहित कुछ मुख्यमंत्रियों को मोबाइल फोन अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, और इस मुद्दे को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाते हुए हैरानी जताई थी कि क्या उनसे 'सुरक्षा को खतरा' है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ मुख्यमंत्रियों को बैठक स्थल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि कुछ अन्य को फोन अंदर ले जाने दिया गया। 'आप' प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी फोन नहीं ले जाने दिया गया था और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, जिसके बाद उन्हें अनुमति दे दी गई, लेकिन उन्हें (केजरीवाल को) नहीं। आईआईटी (खड़गपुर) के अपने सहपाठी प्राण कुरूप की पुस्तक 'अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी' के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुए विमोचन के अवसर पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, "उन्होंने मुझ सहित कुछ मुख्यमंत्रियों के फोन बाहर रखवा लिए... यह काफी विचित्र था... उन्होंने कुछ मुख्यमंत्रियों के फोन बाहर रखवा दिए, जबकि कुछ को अपने फोन अंदर ले जाने की अनुमति मिल गई... मैंने अपने भाषण में इस मुद्दे को उठाया... मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या कुछ मुख्यमंत्रियों से उनकी सुरक्षा को खतरा है..." अरविंद केजरीवाल ने कहा, "वास्तव में ममता जी ने विरोध किया... उन्होंने कहा कि फोन लौटाइए, अन्यथा मैं चली जाउंगी... उन्होंने पूछा कि अगर पश्चिम बंगाल में कोई आपातकाल हुआ, तो लोग उनसे संपर्क कैसे करेंगे...?

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