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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): गुजरात के उना में दलित उत्पीड़न के मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ।  राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित किये जाने के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीँ लोकसभा से कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने सदन से वाकऑउट किया। आज सुबह दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। इस मसले पर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुजरात सरकार ने तेजी से एक्शन लिया, इसके लिए उन्हें बधाई। गुजरात सरकार को बधाई देते हुए विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि इस सरकार में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। विपक्ष के हंगामे पर राजनाथ सिंह ने कहा, मैं पूरे दिन खड़ा रहूंगा और दो टूक शब्दों में अपनी बात रखूंगा। उन्होंने कहा कि 12 तारीख को विदेश दौरे से वापस आने के बाद पीएम मोदी ने उना की घटना को लेकर मुझसे बात की। वे घटना को लेकर दुखी थे, आहत थे। उन्होंने कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी भी ली। घटना का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि 11 जुलाई 2016 की यह घटना है। इस घटना के पीड़ित एक मृत गाय की चमड़ी निकाल रहे थे। आरोपी वहां आए और लोहे और डंडे से उन्हें पीटना शुरू कर दिया। उनके फोन भी ले लिए गए। इन सभी के खिलाफ 11 जुलाई को ही केस दर्ज कर लिया गया था।

पीड़ितों में से एक ने ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। मामले की जांच डीएसपी कर रहे हैं। नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। चार न्यायिक हिरासत में हैं। बाकी पुलिस हिरासत में है। कुल चार अधिकारियों एक पुलिस इंस्पेक्टर, दो एसआई और एक हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है। अपराध की जांच सीआईडी क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। स्पीडी ट्रायल के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने के लिए हाईकोर्ट से संपर्क किया गया है। विशेष अभियोजक को राज्य सरकार नियुक्त कर रही है। जांच अधिकारी को चार महीनों में रिपोर्ट देनी है। सभी को मुआवजा दिया गया है। सभी का इलाज का खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है। राज्य सरकार पूरे मामले को देख रही है। गुजरात सरकार अपने काम के लिए बधाई की पात्र है। उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि यह एक बहुत बड़ी सामाजिक बुराई है। सभी राजनीतिक दल के नेताओं को इस समस्या के समाधान के लिए एक जुट होकर काम करना होगा। 1999 तक दलितों पर अत्याचार की घटनाओं का जैसे ही राजनाथ ने जिक्र आरंभ किया। विपक्ष ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने 2007 में 5000 से ज्यादा दलितों पर अत्याचार की घटनाएं घटीं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कार्यकाल में दलितों पर काफी अत्याचार हुए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद से दलितों की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार देश के गरीबों को, दलितों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया गया है।

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