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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि पिछले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में खुद उनके सहित कुछ मुख्यमंत्रियों को मोबाइल फोन अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, और इस मुद्दे को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाते हुए हैरानी जताई थी कि क्या उनसे 'सुरक्षा को खतरा' है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ मुख्यमंत्रियों को बैठक स्थल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि कुछ अन्य को फोन अंदर ले जाने दिया गया। 'आप' प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी फोन नहीं ले जाने दिया गया था और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, जिसके बाद उन्हें अनुमति दे दी गई, लेकिन उन्हें (केजरीवाल को) नहीं। आईआईटी (खड़गपुर) के अपने सहपाठी प्राण कुरूप की पुस्तक 'अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी' के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुए विमोचन के अवसर पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, "उन्होंने मुझ सहित कुछ मुख्यमंत्रियों के फोन बाहर रखवा लिए... यह काफी विचित्र था... उन्होंने कुछ मुख्यमंत्रियों के फोन बाहर रखवा दिए, जबकि कुछ को अपने फोन अंदर ले जाने की अनुमति मिल गई... मैंने अपने भाषण में इस मुद्दे को उठाया... मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या कुछ मुख्यमंत्रियों से उनकी सुरक्षा को खतरा है..." अरविंद केजरीवाल ने कहा, "वास्तव में ममता जी ने विरोध किया... उन्होंने कहा कि फोन लौटाइए, अन्यथा मैं चली जाउंगी... उन्होंने पूछा कि अगर पश्चिम बंगाल में कोई आपातकाल हुआ, तो लोग उनसे संपर्क कैसे करेंगे...?

इसके बाद उन्हें फोन अंदर ले जाने की अनुमति दे दी गई... लेकिन उसके बाद उन्होंने ममता जी को बोलने नहीं दिया... मेरे भाषण में काफी 'बाधा' पहुंचाई...’’ केजरीवाल ने सवाल किया कि अगर केंद्र 'विपक्ष की आवाज सुनना नहीं चाहता', तो उन्हें आमंत्रित क्यों किया गया।

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