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नई दिल्‍ली/मथुरा: देश भर में गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। देश के अधिकांश मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का समारोह धार्मिक उत्साह एवं परंपरा से शुरू हो गया। जन्माष्टमी त्योहार की रौनक देश के कई राज्‍यों में नजर आ रही है। हर किसी को आज आधी रात का इंतजार है, जब कान्‍हा जन्म लेंगे। मथुरा और वृन्दावन में जन्माष्टमी के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर, ठा. द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन में ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर, इस्कॉन के द्घष्ण-बलराम मंदिर एवं प्रेम मंदिर, गोवर्धन के दानघाटी मंदिर, बरसाना व नन्दगांव के मंदिरों में जबरदस्‍त तैयारी की गई है। कृष्‍णभक्‍तों में खासा उत्‍साह है और हर तरफ 'जय कन्‍हैया लाल की' गूंज है। कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर ब्रज में जबरदस्त उत्साह है। ब्रज भूमि मथुरा के तमाम मंदिरों में रोशनी के खास इंतजाम किए गए हैं। पूरे मथुरा को इस खास मौके के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्रद्धालुओं नंद लाल के आगमन के लिए पलक पांवड़े बिछाए हुए हैं। कान्हा की नगरी मथुरा और वृन्दावन में जन्माष्टमी त्योहार को लेकर काफी रौनक है।

नई दिल्ली: भारत ने अपना रूख और कड़ा करते हुए गुरुवार को एक बार फिर से कश्मीर पर बातचीत के पाकिस्तान के ताजा न्यौते को खारिज करते हुए कहा कि वह सीमापार आतंकवाद पर चर्चा को इच्छुक है जो उसकी मुख्य चिंता है। कश्मीर मसले पर चर्चा के लिए इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद के दौरे पर आने के पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के 19 अगस्त के ताजा न्यौते पर जवाब देते हुए विदेश सचिव एस. जयशंकर ने अपने पत्र में कहा कि वह पाकिस्तान की धरती से पैदा आतंकवाद पर चर्चा के इच्छुक हैं जो भारत की मुख्य चिंता है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने बुधवार को जयशंकर का पत्र चौधरी को सौंपा। उन्होंने कहा कि जवाब में फिर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर इस्लामाबाद के अवैध कब्जे को जल्द से जल्द खाली करने की जरूरत पर जोर दिया गया। चौधरी के 19 अगस्त के पत्र में बीते दस दिन में दूसरी बार जयशंकर को जम्मू कश्मीर के लोगों की ‘महत्वाकांक्षाओं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार निष्पक्ष एवं न्यायसंगत समाधान खोजने के नजरिये से, जम्मू कश्मीर विवाद पर चर्चा के लिए इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद’ आने का न्यौता दिया गया। उन्होंने इससे पहले 15 अगस्त को जयशंकर को कश्मीर पर बातचीत के लिए लिखा था।

नई दिल्ली: आईटी कानून के तहत देश में दर्ज साइबर अपराध के मामलों की संख्या 2011 से 2014 के बीच तकरीबन 300 प्रतिशत बढ़ गयी। एक अध्ययन में यह जानकारी देते हुए आगाह किया गया है कि दुनियाभर में साइबर हमले बड़ी तीव्रता और आवृत्ति के साथ हो रहे हैं। अध्ययन में यह बात सामने आई कि अतीत में इस तरह के अधिकतर हमले अमेरिका, तुर्की, चीन, ब्राजील, पाकिस्तान, अल्जीरिया, यूरोप और यूएई जैसे देशों से सामने आये और बहुतायत में इंटरनेट और स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ने के साथ भारत साइबर अपराधियों के मुख्य निशाने पर आने लगा। एसोचैम-पीडब्ल्यूसी के संयुक्त अध्ययन के अनुसार, ‘हर गुजरते साल के साथ साइबर हमलों की तीव्रता, आवृत्ति और उनका असर लगातार बढ़े हैं। भारत में 2011 से 2014 तक आईटी अधिनियम, 2000 के तहत दर्ज साइबर अपराध के मामलों की संख्या में करीब 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।’ अध्ययन में कहा गया कि साइबर हमलावर परमाणु संयंत्रों, रेलवे, परिवहन साधनों या अस्पतालों जैसे महत्वपूर्ण तंत्रों पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं जिसके चलते गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। इनमें बिजली चले जाने, जल प्रदूषण या बाढ़, परिवहन प्रणालियों में अवरोध और जान जाने जैसे दुष्परिणाम शामिल हैं। अध्ययन के अनुसार अकेले अमेरिका में उसकी महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना पर साइबर हमलों के मामलों में 2012 से 2015 के बीच करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को फिर कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को लेकर कहे गए अपने हर शब्द पर कायम हैं। साथ ही वह संघ के 'घृणास्पद और विभाजनकारी एजेंडे' से लड़ना कभी नहीं छोड़ेंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि वह अपने उस बयान पर कायम हैं, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या को लेकर आरएसएस के लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मैं आरएसएस के घृणित और विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ हमेशा लड़ता रहूंगा। मैं अपने हर एक शब्द पर आज भी कायम हूं।' राहुल ने इस ट्वीट के साथ ही 2014 में मुंबई के भि‍वंडी में अपने भाषण का छोटा सा वीडियो भी शेयर किया है। गौरतलब है कि राहुल गांधी का यह ट्वीट ऐसे समय आया है जब बुधवार को राहुल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बयान पर सफाई देते हुए कहा- आरएसएस नहीं बल्कि इससे जुड़ा एक व्यक्ति उनकी हत्या के लिए जिम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि अदालत यह मानती है कि राहुल ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस संस्था को हत्यारा नहीं कहा था। सिर्फ संघ से जुड़े लोगों के लिए राहुल ने ऐसा कहा था। कोर्ट ने कहा कि ऐसे में आरएसएस के लिए मानहानि की बात नहीं लगती। मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में एक सितंबर को होगी। कोर्ट उसी दिन केस रद्द करने के आदेश दे सकती है।

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