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नई दिल्ली: भारत ने अपना रूख और कड़ा करते हुए गुरुवार को एक बार फिर से कश्मीर पर बातचीत के पाकिस्तान के ताजा न्यौते को खारिज करते हुए कहा कि वह सीमापार आतंकवाद पर चर्चा को इच्छुक है जो उसकी मुख्य चिंता है। कश्मीर मसले पर चर्चा के लिए इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद के दौरे पर आने के पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के 19 अगस्त के ताजा न्यौते पर जवाब देते हुए विदेश सचिव एस. जयशंकर ने अपने पत्र में कहा कि वह पाकिस्तान की धरती से पैदा आतंकवाद पर चर्चा के इच्छुक हैं जो भारत की मुख्य चिंता है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने बुधवार को जयशंकर का पत्र चौधरी को सौंपा। उन्होंने कहा कि जवाब में फिर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर इस्लामाबाद के अवैध कब्जे को जल्द से जल्द खाली करने की जरूरत पर जोर दिया गया। चौधरी के 19 अगस्त के पत्र में बीते दस दिन में दूसरी बार जयशंकर को जम्मू कश्मीर के लोगों की ‘महत्वाकांक्षाओं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार निष्पक्ष एवं न्यायसंगत समाधान खोजने के नजरिये से, जम्मू कश्मीर विवाद पर चर्चा के लिए इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद’ आने का न्यौता दिया गया। उन्होंने इससे पहले 15 अगस्त को जयशंकर को कश्मीर पर बातचीत के लिए लिखा था।

पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के ‘निर्दोष लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन को तुरंत खत्म करने’ का आह्वान किया है और ‘डॉक्टरों तथा पैरामेडिक्स को यात्रा की अनुमति सहित’ घायलों को मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के पिछले महीने मारे जाने के बाद कश्मीर में जारी अशांति को लेकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आने से दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।

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