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नई दिल्ली: भारत के सीमित ओवरों के क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ‘टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलने को मिस’ करते हैं और वह वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज पर नजर रखेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि कैरेबिया में स्पिनर बड़ी भूमिका निभाएंगे। धोनी ने आज यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि वेस्टइंडीज में विकेट धीमे होंगे लेकिन आप कुछ नहीं कह सकते। मुझे लगता है कि स्पिनर बड़ी भूमिका निभाएंगे।’ धोनी ने कहा कि उन्हें यह प्रभावशाली लगता है कि भारत के पास अब आठ से 10 अच्छे तेज गेंदबाजों का पूल है। उन्होंने कहा, ‘जितनी अधिक प्रतिस्पर्धा होगी उतना बेहतर होगा। यह अच्छा है कि अंतत: हमारे पास आठ से 10 गेंदबाज हैं जो चयन के लिए जोर लगा रहे हैं। अगर मैं एक साल पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला की बात करूं तो उस समय कुछ गेंदबाज चोटिल थे।’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘और हमारे पास ऐसे गेंदबाज थे जो सभी स्थिति में गेंदबाजी कर सकते थे। अगर आपको गति चाहिए थी तो हमारे पास थी। अगर आपको स्विंग चाहिए थी तो हमारे पास वह भी थी। बेशक चोटों के प्रबंधन को लेकर हमें सतर्क रहना होगा।’ इस बीच धोनी की कंपनी रीति स्पोर्ट्स ने आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज क्रेग मैकडर्मोट की कंपनी सिक्योर्ड वेंचर कैपिटल के साथ करार किया।

नई दिल्ली : अपने ड्रिबलिंग कौशल के लिये मशहूर मोहम्मद शाहिद ने अस्सी के दशक में विश्व हाकी में धूम मचाई और इसी के दम पर उन्हें भारत के महानतम खिलाड़ियों में शुमार किया गया । वाराणसी के रहने वाले शाहिद ने 70 के दशक के आखिर में और 80 के दशक की शुरूआत में अपनी स्टिक की जादूगरी से दुनिया भर को मुरीद बनाया । उनमें दुनिया के बेहतरीन डिफेंस को भेदने का माद्दा हुआ करता था । विरोधी टीमें जहां मैदान पर उनसे खौफ खाती थी, वहीं मैदान के बाहर वह बेहद विनम्र और मृदुभाषी थे जो हमेशा साथी खिलाड़ियों की मदद को तत्पर रहते । वाराणसी में 14 अप्रैल 1960 को जन्मे शाहिद ने 19 बरस की उम्र में फ्रांस के खिलाफ जूनियर विश्व कप के जरिये 1979 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया । वह 1980 में सीनियर टीम में आये जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में भारत ने कुआलालम्पुर में चार देशों का टूर्नामेंट खेला । शाहिद और जफर इकबाल की आक्रामक जोड़ी उस समय मशहूर थी । इकबाल ने उनके निधन के बाद कहा ,‘‘ उनके जैसा खिलाड़ी मैने अपने जीवन में नहीं देखा । हाकी जगत को यह अपूरणीय क्षति हुई है । मैदान पर हमारा शानदार तालमेल था । उसकी कमी खलेगी ।’’

नई दिल्ली: जाने-माने पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान मोहम्मद शाहिद का लंबी बीमारी के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 1980, 84 और 88 लगातार तीन ओलंपिक खेलों में वह भारतीय हॉकी टीम की कमान संभाल चुके थे। शाहिद लीवर और किडनी की समस्या से जूझ रहे थे और उनकी उम्र 56 वर्ष थी और 29 जून से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनका लीवर ट्रांसप्लांट किया जाना था लेकिन किडनी के काम न करने के कारण ट्रांसप्लांट भी संभव नहीं हो पा रहा था। पिछले कुछ दिनों से उनके डायलिसिस की प्रक्रिया चल रही थी। आईसीयू में भर्ती शाहिद ने बुधवार को आखिरी सांस ली। अस्पताल में उनके साथ उनकी पत्नी प्रवीन शाहिद, बेटी हिना, बेटा मोहम्मद सैफ और परिवार के अन्य लोग उपस्थित रहे। भारतीय खेल में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। मॉस्को ओलंपिक 1980 में आखिरी बार गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम की कमान शाहिद के ही हाथों में थी। वह मूल रूप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निवासी थे। उन्हें 1981 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। हॉकी की दुनिया में उन्हें ड्रिब्लिंग का बादशाह भी कहा जाता था। 1982 और 1986 एशियाड खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में इस खिलाड़ी की अहम भूमिका रही थी।

बर्न: इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (आईओसी) ने रियो ओलंपिक से रूस को बैन करने को लेकर अपना फैसला फिलहाल टाल दिया है और अब वह संभावित बैन के बारे में कानूनी विकल्प तलाशेगा। आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की स्विट्जरलैंड में आपात बैठक हुई कि रूस को रियो ओलंपिक में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाना है कि नहीं। रूस में प्रतिबंधित दवाओं के व्यापक इस्तेमाल की रिपोर्ट्स के बाद रूस को ओलंपिक से बैन किए जाने की मांग उठ रही है। बोर्ड के सदस्य तत्काल बैन लगाए जाने के फिलहाल कोई फैसला नहीं ले पाये। यह बैठक रूस में सरकार द्वारा प्रायोजित डोपिंग प्रोग्राम पर स्वतंत्र रिपोर्ट के एक दिन बाद हुई। आईओसी ने एक बयान में कहा कि रूसी एथलीटों की ओलंपिक भागीदारी के संबंध में आईओसी इस रिपोर्ट का ध्यान से आकलन करेगी। साथ ही वह सभी रूसी एथलीटों पर सामूहिक बैन लगाए जाने के संबंध में कानूनी विकल्प भी तलाशेगी। आईओसी ने साथ ही कहा कि उसे इस मामले में खेल पंचाट के गुरुवार को आने वाले फैसले को भी ध्यान में रखना होगा। गौरतलब है कि इंटरनेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) ने रूसी एथलीटों को ओलंपिक एथलेटिक्स मुकाबलों में हिस्सा लेने से बैन कर दिया है। रूस के कई एथलीटों ने इस प्रतिबंध के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की है।

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