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नई दिल्ली: जाने-माने पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान मोहम्मद शाहिद का लंबी बीमारी के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 1980, 84 और 88 लगातार तीन ओलंपिक खेलों में वह भारतीय हॉकी टीम की कमान संभाल चुके थे। शाहिद लीवर और किडनी की समस्या से जूझ रहे थे और उनकी उम्र 56 वर्ष थी और 29 जून से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनका लीवर ट्रांसप्लांट किया जाना था लेकिन किडनी के काम न करने के कारण ट्रांसप्लांट भी संभव नहीं हो पा रहा था। पिछले कुछ दिनों से उनके डायलिसिस की प्रक्रिया चल रही थी। आईसीयू में भर्ती शाहिद ने बुधवार को आखिरी सांस ली। अस्पताल में उनके साथ उनकी पत्नी प्रवीन शाहिद, बेटी हिना, बेटा मोहम्मद सैफ और परिवार के अन्य लोग उपस्थित रहे। भारतीय खेल में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। मॉस्को ओलंपिक 1980 में आखिरी बार गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम की कमान शाहिद के ही हाथों में थी। वह मूल रूप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निवासी थे। उन्हें 1981 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। हॉकी की दुनिया में उन्हें ड्रिब्लिंग का बादशाह भी कहा जाता था। 1982 और 1986 एशियाड खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में इस खिलाड़ी की अहम भूमिका रही थी।

कुछ दिन पहले बीमारी के दौरान उनके निधन की खबरें वायरल हो गई थीं, तब उनकी बेटी ने सफाई दी थी कि शाहिद का अभी इलाज चल रहा है। उनका निधन भारतीय हॉकी के लिए एक बड़ी क्षति है।

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