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रियो डि जेनेरो: रियो ओलिंपिक के सातवें दिन भी भारत का ‘फ्लॉप शो’ जारी रहा.अतानु दास के बाहर होने से जहां तीरंदाजी में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई वहीं राइफल निशानेबाज गगन नारंग और चैन सिंह ने निराश किया. शटलर ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा भी अपना दूसरा डबल्‍स मैच हारकर पदक की दौड़ से बाहर हो गयी. यही नहीं, भारतीय एथलीटों ने ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पहले दिन खराब प्रदर्शन किया. डिस्‍कस थ्रोअर विकास गौड़ा सहित तीन खिलाड़ी क्वालीफिकेशन राउंड में ही बाहर हो गए जबकि पुरुष हाकी टीम ने कमजोर मानी जा रही कनाडा के खिलाफ अपना आखिरी लीग मैच 2-2 से बराबर खेला हालांकि वह पहले ही क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी थी. भारत के इस तरह से पांच मैचों में दो जीत और एक ड्रा से सात अंक रहे. लगातार चौथे ओलिंपिक में हिस्सा ले रहे 33 साल के गौड़ा लचर प्रदर्शन करते हुए 58. 99 मीटर के प्रयास के साथ 34 खिलाड़ियों में कुल 28वें स्थान पर रहे. वह ग्रुप बी में 18 खिलाड़ियों के बीच 16वें स्थान पर रहे थे. महिला शॉट पुट में भी यही कहानी दोहराई गयी. राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक मनप्रीत कौर 17. 06 मीटर के प्रयास के साथ 35 प्रतिस्पर्धियों में कुल 23वें स्थान पर रही. वह ग्रुप बी क्वालीफाइंग में 13वें स्थान पर रही थी. x दिन की शुरुआत अतानु दास के पुरुष इंडिविजुअल रिकर्व स्पर्धा के प्री क्वार्टरफाइनल में हारने से हुई जिससे भारत का तीरंदाजी में अभियान खत्म हो गया.तेज बारिश के बीच हुए मुकाबले में अतानु दुनिया के 8वें नंबर के कोरियाई तीरंदाज ली सेयुंग युन से 4 -6 से हार गये. ली स्‍युंग युन ने अपनी टीम को टीम इवेंट का स्वर्ण पदक दिलाने में भी मदद की थी.

रियो डि जिनेरियो: तरणताल के जादूगर माइकल फेल्प्स ने एक बार फिर अपने फन का लोहा मनवाते हुए रियो ओलिंपिक में 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले खिताब जीत लिया, जिससे खेलों के महासमर में उनके पीले तमगों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है और वह एक ही व्यक्तिगत स्पर्धा में लगातार चार ओलिंपिक में खिताब जीतने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए . अपना पांचवां और आखिरी ओलिंपिक खेल रहे फेल्प्स से पहले चक्काफेंक में अल ओर्टर (1956 से 1968) और लंबी कूद में कार्ल लुईस (1984 से 1996) लगातार चार खिताब जीत चुके हैं. यह मुकाबला फेल्प्स और अमेरिका के ही रियान लोशे के बीच माना जा रहा था, लेकिन फेल्प्स ने एक मिनट 54.66 सेकंड का समय निकालकर अपने चिर प्रतिद्वंद्वी को काफी पीछे छोड़ दिया. लोशे पांचवें स्थान पर रहे जबकि जापान के कोसुके हागिनो को रजत पदक मिला . चीन के वांग शुन ने कांस्य पदक हासिल किया. जीत के बाद फेल्प्स ने चार उंगलियां दिखाई चूंकि उनके रियो ओलिंपिक में अब तक चार स्वर्ण पदक हो चुके हैं. अपने सुनहरे करियर में वह 22 ओलिंपिक खिताब और कुल 26 पदक जीत चुके हैं. जीत के बाद उन्होंने कहा,‘‘ यह अद्भुत है लेकिन हर दिन मेरे लिये सपना सच होने जैसा है. बचपन से मैं ऐसा कुछ करना चाहता था जो किसी ने नहीं किया हो और मुझे इसमें मजा आ रहा है.

रियो डी जेनेरियो: गुरूवार का दिन ओलंपिक में भारत के लिए थोड़ा बेहतर रहा। बैडमिंटन में साइना नेहवाल और पीवी सिंधू की जीत के बाद टेनिस में भी मिक्स्ड डबल्स में सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी सामंथा स्टोसुर और जॉन पीयर्स को 7-5, 6-4 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। गुरूवार को हुए टेनिस के मुकाबले में शुरू में ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी सानिया और बोपन्ना की जोड़ी को जबरदस्त टक्कर देगी। पर शुरूआत में ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी द्वारा दवाब बनाने के बावजूद सानिया और बोपन्ना ने स्टोसुर और पीयर्स के सामने कड़ी चुनौती पेश की। हालांकि पहले सेट में जरूर कुछ संघर्ष देखने को मिला पर भारतीय जोड़ी ने अपना लय हासिल करते हुए पहला सेट 7-5 के अंतर से जीत लिया। पहले सेट की जीत के बाद चौथी वरियता प्राप्त सानिया-बोपन्ना की जोड़ी ने दूसरे सेट में भी लय बरकरार रखा। इस सेट में ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी ने वापसी करने की भरसक कोशिश की। लेकिन भारतीय जोड़ी ने उन्हें कभी बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और अंत में 6-4 के स्कोर के साथ सैट और मैच अपने नाम कर लिया। अब भारतीय जोड़ी का मुकाबला ब्रिटेन की गैरवरीय जोड़ी एंडी मुरे और हीथर वॉटसन से क्वार्टर फाइनल में होगी। हालांकि सानिया रियो ओलंपिक के महिला युगल और बोपन्ना पुरूष युगल का मुकाबला हार चुके हैं।

कराची: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज हनीफ मुहम्मद का लंबे समय तक फेफड़ों के कैंसर से जूझने के बाद आज निधन हो गया।हनीफ का आगा खान अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल के प्रवक्ता ने 81 साल की उम्र में इस दिग्गज बल्लेबाज के निधन की पुष्टि की है। प्रवक्ता ने कहा, ‘सांस से जुड़ी समस्याओं के कारण उन्हें आईसीयू और वेंटीलेटर पर रखा गया था और आज उनका निधन हो गया।’ इससे पहले भी हनीफ की दिल की धड़कन आज लगभग छह मिनट के लिए रूक गयी थी और डाक्टरों ने उन्हें ‘क्लीनिकल तौर पर मृत’ घोषित कर दिया था लेकिन बाद में बाद डाक्टरों को उनकी धड़कन वापस लाने में सफलता मिल गयी। इससे पहले हनीफ के बेटे शोएब मुहम्मद ने अस्पताल से कई टेलीविजन चैनलों को बताया कि उनके पिता का निधन हो गया है लेकिन कुछ ही मिनटों बाद उन्होंने फिर से घोषणा की कि उनका निधन नहीं हुआ और वह जीवित हैं। शोएब ने कहा, ‘उनके दिल की धड़कन छह मिनट के लिए रूक गयी थी लेकिन डाक्टर उनकी दिल की धड़कन वापस लाने में सफल रहे।’ लेकिन कुछ घंटों बाद शोएब ने फिर पुष्टि की कि उनके पिता का निधन हो गया है। शोएब ने कहा, ‘उन्होंने अपनी बीमारियों से कड़ी जंग लड़ी और चार साल पहले फेफड़ों का पता चलने के बाद पिछले कुछ वर्षों से वह काफी बीमार थे।’ पूर्व टेस्ट बल्लेबाज शोएब ने कहा, ‘हमारा परिवार शोक में डूबा है लेकिन हम सिर्फ उनके प्रशंसकों से कह सकते हैं कि उनके लिए दुआ करें कि अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे।

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