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रियो डि जिनेरियो: भारत ने अंतिम क्वार्टर में अर्जेंटीना टीम के हमलों से बचते हुए आज (मंगलवार) यहां रियो ओलंपिक की पुरूष हॉकी स्पर्धा में 2-1 की रोमांचक जीत दर्ज की जिससे उसकी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बढ़ गयी। भारत अब गुरुवार को अपने अगले मैच में लंदन ओलंपिक रजत पदकधारी नीदरलैंड से भिड़ेगा। पूल बी चरण में इस दूसरी जीत ने भारत ने क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान लगभग पक्का कर लिया है क्योंकि अब उसके छह अंक हो गये हैं और टीम दूसरे स्थान पर पहुंच गयी है। भारत ने पहले तीन क्वार्टर में दबदबे भरा प्रदर्शन किया लेकिन अंतिम 15 मिनट में वह दबाव में आ गया और इस दौरान उन्होंने कम से कम पांच पेनल्टी कार्नर गंवाये। अर्जेंटीना की टीम ने 0-2 से पिछड़ने के बाद अंतिम क्वार्टर में दमदार प्रदर्शन किया जिसमें भारतीय टीम कमजोर दिखी। भारतीयों के लिये अंतिम क्वार्टर तनावपूर्ण रहा। ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पेलात ने 49वें मिनट में अपने पहले पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर अर्जेंटीना के लिए गोल दागा। उन्होंने तेज तर्रार शाट लगाया जिसे गोलकीपर पीआर श्रीजेश बचा नहीं सके। ऐसा लग रहा था कि भारतीयों को दूसरा झटका भी लग सकता है क्योंकि कल भी भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ अंतिम क्षणों में एक गोल गंवा दिया था जिसमें उसे 1-2 से पराजय का मुंह देखना पड़ा था। इस क्वार्टर में ज्यादातर समय भारतीय हाफ में ही खेला गया। अगर श्रीजेश नहीं होता तो भारत दूसरा मैच भी गंवा देता।

श्रीजेश ने कम से कम पांच बचाव किये और पेलात तथा अर्जेंटीना को गोल नहीं करने दिया। इससे पहले भारतीय टीम पहले तीन क्वार्टर में काफी अच्छी दिखी। उसने चिंगलेनसाना सिंह के आठवें मिनट में किये गये गोल से बढ़त बनायी और मणिपुरी खिलाड़ी कोथाजीत सिंह ने 35वें मिनट में मैदानी गोल से बढ़त दोगुनी कर दी। अर्जेंटीना के खिलाफ जीत भारत के लिये शानदार रही क्योंकि उन्होंने पिछली बार इस टीम पर 2009 चैम्पियंस चैलेंज में 3-2 से जीत दर्ज की थी। हाल में दोनों टीमों ने रियो खेलों से पहले वेलेंसिया में छह देशों के टूर्नामेंट में 3-3 से ड्रा खेला था। गेंद के नियंत्रण के मामले में शुरूआती क्वार्टर में दोनों लगभग बराबर ही थे लेकिन भारत ने अर्जेंटीना से ज्यादा गोल के मौके बनाये। भारत को सातवें मिनट में गोल करने का बढ़िया मौका मिला था जब एसवी सुनील अर्जेंटीनी सर्कल में घुस गये और उन्होंने आकाशदीप सिंह को पास दिया पर विपक्षी गोलकीपर विवाल्डी ने इसका अच्छा बचाव किया। लेकिन इस मूव से भारत को पहला पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन विवाल्डी फिर अर्जेंटीना के बचाव में आ गये और उन्होंने रूपिंदर पाल सिंह की फ्लिक को रोक दिया। भारत ने दबाव जारी रखा और अगले ही मिनट में दूसरा शार्ट कार्नर सुनिश्चित किया। इस बार चिंगलेनसाना ने जरा सी गफलत के बाद मौके को गोल में बदल टीम को बढ़त दिला दी। पहले क्वार्टर के अंत में अर्जेंटीना ने भारतीय डिफेंस पर कुछ दबाव बना दिया और भारतीय तब भाग्यशाली रहे जब उन्होंने मैनुएल ब्रुनेट को रोककर बढ़त बरकरार रखी। अर्जेंटीना ने दूसरे क्वार्टर में आक्रमण किया लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैदी से किसी भी तरह के खतरे को टालने के लिये तैयार था। भारतीय टीम हालांकि दूसरे क्वार्टर में थोड़ी धीमी लगी लेकिन जैसे ही खेल आगे बढ़ा सभी खिलाड़ी फार्म में दिखने लगे। भारत और अर्जेंटीना ने मौके बनाये लेकिन दोनों टीमें गोल नहीं कर सकीं। इससे श्रीजेश की अगुवाई वाली टीम पहले हाफ में 1-0 से आगे रही। छोर बदलने के बाद तीसरा क्वार्टर भारतीयों के नाम रहा, जिसमें उन्होंने नियंत्रण बनाते हुए पांच मिनट के अंदर दूसरा गोल कर दिया। कोथाजीत ने लूज गेंद को लपकते हुए नेट के अंदर पहुंचा दिया। अंतिम क्वार्टर पूरी तरह से अर्जेंटीना के नाम रहा लेकिन भारतीयों ने संयम बरते रखा और जर्मनी के खिलाफ परिणाम का दोहराव नहीं होने दिया जिसमें उन्होंने हूटर से तीन सेकेंड पहले गोल गंवा दिया था।

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