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रांची: महेंद्र सिंह धोनी हो सकता है कि अपने घरेलू मैदान पर बुधवार को आखिरी मैच खेलें और इसलिए धोनी के प्रशंसक चाहते हैं कि वह दिवाली से पहले यहां अपने बल्ले से धूमधड़ाका मचाएं। इस मैदान पर भारत ने अब तक अपने सारे मैच जीते हैं। उसने दो वनडे और एक टी20 में यहां जीत दर्ज की है लेकिन भारत के सबसे सफल कप्तान और सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाज को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिला और उनका सर्वोच्च स्कोर यहां नाबाद 10 रन है। धोनी ने टेस्ट मैच खेलने बंद कर दिये हैं, इसलिए इसकी कोई गारंटी नहीं है कि अगली बार भारत जब यहां मैच खेलेगा तो सीमित ओवरों का यह करिश्माई कप्तान टीम में रहे। पिछले मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरने के बाद 80 रन बनाने वाले धोनी लगता है कि इस बार अपने घरेलू प्रशंसकों को निराश करने के मूड में नहीं हैं। उस दिन जब विराट कोहली सहित अधिकतर खिलाड़ी वैकल्पिक अभ्यास सत्र के लिये नहीं आये तब 35 वर्षीय धोनी ने पूरे मनोयोग से लगभग 20 मिनट तक बल्लेबाजी की। धोनी की लेग स्पिन से किसी और ने नहीं बल्कि मुख्य कोच और दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने परीक्षा ली। मोहाली एकादश में शामिल खिलाड़ियों में से उनके अलावा हार्दिंक पंड्या और मनीष पांडे ने भी अभ्यास किया। भारत ने आखिरी बार यहां श्रीलंका के खिलाफ दूसरा टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था जिसमें भारत ने 196 रन बनाये थे। धोनी तब नौ रन बनाकर नाबाद रहे थे।

रांची: हार्दिक पंड्या का मानना है दबाव की स्थिति में वह बेहतर प्रदर्शन करते हैं और उन्हें महेंद्र सिंह धोनी तथा विराट कोहली से ‘प्रेरणा’ मिलती है। रांची में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले चौथे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच की पूर्व संध्या पर पंड्या ने अपने सीनियर खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा, ‘जब वे दोनों (कोहली और धोनी) बल्लेबाजी करते हैं तो काफी सीखने को मिलता है। उनकी बल्लेबाजी, विकेटों के बीच दौड़ हमें प्रेरित करती है। एक अन्य स्तर पर है। उन्हें एक साथ बल्लेबाजी करते हुए देखना लुत्फ उठाने वाला होता है।’ कोहली (नाबाद 154) और धोनी (80) के बीच तीसरे विकेट की 151 रन की साझेदारी की बदौलत मोहाली में भारत ने सात विकेट से जीत दर्ज की जिसके बाद कल यहां झारखंड राज्य क्रिकेट संघ स्टेडियम परिसर में पांच मैचों की श्रृंखला में विजयी बढ़त बनाने के इरादे से उतरेगी। ऐसा लग रहा है कि चौथे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे धोनी ने अपनी आक्रामक फार्म हासिल कर ली है और पंड्या ने कहा कि यह टीम इंडिया के लिए रोमांचक समय है। उन्होंने कहा, ‘यह सकारात्मक रवैये को दर्शाता है। मैं उसकी :धोनी: बल्लेबाजी का लुत्फ उठाता हूं। बल्लेबाज के रूप में मैं जिस भी क्रम पर बल्लेबाजी करूं, हमें स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करनी चाहिए। यह सभी का काम है।’ धर्मशाला में श्रृंखला के पहले मैच में पंड्या ने पदार्पण करते हुए 31 रन देकर दो विकेट चटकाए थे जिसके लिए उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया।

नई दिल्ली: स्कूली पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करने पर जोर देते हुए खेलमंत्री विजय गोयल ने आज कहा कि खेलों को अपेक्षित महत्व देने के लिये स्कूली स्तर पर अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिये। गोयल ने कहा कि खेल गतिविधियों में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये उन्हें इसके अंक भी दिये जाने चाहिये। यहां सीबीएसई की 64वीं बैठक के मौके पर गोयल ने कहा कि बच्चों में मधुमेह और अन्य असंचारी बीमारियों से निपटने के लिये भी यह जरूरी है। गोयल ने कहा कि हर शैक्षणिक संस्थान में खेल के मैदान और मूलभूत खेल सुविधायें होनी चाहिये।

रांची: पिछले मैच में शानदार बल्लेबाजी करके फार्म में लौटने वाले महेंद्र सिंह धोनी इस लय को बरकरार रखते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर बुधवार को होने वाले चौथे वनडे क्रिकेट मैच के जरिये सीरीज जीतने के इरादे से उतरेंगे। बल्लेबाज, विकेटकीपर और कैप्टन कूल धोनी मोहाली में पिछले वनडे में बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान पर उतरे। विराट कोहली के साथ उनकी शतकीय साझेदारी ने भारत को सात विकेट से जीत और सीरीज में 2-1 से बढ़त दिलाई। धोनी ने 91 गेंद में 80 रन बनाये और इसके साथ ही वनडे क्रिकेट में 9000 रन पूरे कर लिये। वह 50 या अधिक की औसत से यह रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने। वनडे क्रिकेट टीम के कप्तान और रांची के लाड़ले धोनी शायद आखिरी बार अपने घरेलू मैदान पर खेलते नजर आयेंगे जहां भारत ने तीन वनडे और एक टी20 में से सभी जीते हैं जबकि एक मैच बारिश की भेंट हो गया। उपकप्तान कोहली ने यहां दो वनडे पारियों में नाबाद 77 और नाबाद 139 रन बनाये हैं और वह भी इस लय को कायम रखना चाहेंगे। मोहाली में पारी की शुरुआत में जीवनदान मिलने के बाद कोहली ने 134 गेंद में नाबाद 154 रन बनाये। यह कोहली का 26वां शतक था और इनमें से 22 बार भारत विजयी रहा है। धोनी के साथ तीसरे विकेट के लिये 151 रन की साझेदारी में कोहली जबर्दस्त फार्म में नजर आये। दूसरी ओर धोनी ने भी पुराने तेवर दिखाये जिसे देखते हुए यह कहना जल्दबाजी होगा कि उनका सर्वश्रेष्ठ दौर बीत चुका है।

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