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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: प्याज फिर रुलाने को तैयार है क्योंकि देश की प्रमुख सब्जी मंडियों इसकी सप्लाई घटने से कीमतें लगातार लगातार बढ़ती जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली में इस महीने प्याज का दाम दोगुना हो गया है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में अच्छी क्वालिटी का प्याज 30 रुपये से ऊंचे भाव पर बिकने लगा है जबकि खुदरा बाजार में प्याज 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। आजादपुर मंडी में बुधवार को प्याज की आवक 53 ट्रक (तकरीबन 1,200 टन) रही जबकि एक दिन पहले मंगलवार को 37 ट्रक (820 टन के करीब) थी।

प्याज कारोबारियों के अनुसार, आजादपुर मंडी में 70 ट्रक से कम अगर प्याज की आवक रहती है तो आपूर्ति का टोटा बना रहता है। आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मचेर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शमार् ने कहा कि अगस्त महीने में अब तक दिल्ली में प्याज की कीमत दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के बाद प्याज की कीमत अचानक बढ़ने के बाद अब आपूर्ति कम हो रही है क्योंकि स्टॉक में एक तो प्याज कम है दूसरा जिनके पास स्टॉक है वे अधिक कीमत की उम्मीद लगाए बैठे हैं इसलिए आवक कम हो रही है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार कोल माइनिंग और उसके सेल के लिए 100 फीसदी एफडीआई को अनुमति देगी। साथ ही उससे जुड़े कामों, जैसे कोयला की ढुलाई आदि में भी 100 फीसदी की एफडीआई को इजाजत दे दी जाएगी। मोदी सरकार की कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक के बाद यह जानकारी रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीयूष गोयल ने कहा कि सबसे पहला बदलाव करते हुए कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दी गई है। अब बाहर के लोग भारत में आकर अपना सामान बनवा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने डिजिटल मीडिया में सरकार की स्वीकृति के साथ 26 फीसदी एफडीआई मंजूर की है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने सिंगल ब्रांड रिटेल सेक्टर में 30 प्रतिशत लोकल सोर्सिंग के नियमों को सरल करने का फैसला किया है। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 286 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया है। भारत को कम्पनियां मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बनाना चाहती हैं, लेकिन कानून में कुछ कठिनाइयां थीं जिन्हें आज काफी उदार किया गया है। इससे बड़ी मात्रा में विदेश से निवेश आएगा।

नई दिल्ली: शेयर बाजार में सोमवार को छाई हरियाली और निवेशकों द्वारा 2.41 लाख करोड़ रुपये की कमाई करने के बावजूद भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले अपने नौ माह के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। 36 पैसे की गिरावट रुपया 36 पैसे की गिरावट के साथ 72.02 के स्तर पर बंद हुआ। यह 14 नवंबर, 2018 के बाद अभी तक का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले दिन में रुपया 72.25 के स्तर पर चला गया था। तुर्की की लीरा, चीन के युआन और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर में गिरावट देखने को मिली, जिसके कारण रुपये में कमजोरी आई है।

आप पर पड़ेगा ऐसे असर

रुपये में ज्यादा गिरावट होने से सबसे पहला असर महंगाई पर पड़ेगा। इसकी वजह से डॉलर काफी मजबूत हो गया है। रुपये में कमजोरी के चलते कच्चा तेल और महंगा हो सकता है। हालांकि यह अभी 57 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है। देश में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, पीएनजी के दामों में इजाफा हो सकता है। इससे खाद्य पदार्थों में भी आग लग सकती है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक सरकार को करीब 1.76 लाख करोड़ रुपये देगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने सोमवार को 1.76 लाख करोड़ रुपये भारत सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला लिया, जिसमें 1,23,414 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2018-19 का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान शामिल है। इसकी सिफारिश संशोधित आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क में की गई है जिसे केंद्रीय बोर्ड की बैठक में सोमवार को स्वीकार किया गया।

आरबीआई ने सरकार की सलाह से केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को शुक्रवार को ही सौंप दी थी। समिति ने केंद्रीय बैंक के वित्तीय लचीलापन, दूसरे देशों की परंपराओं, वैधानिक प्रावधानों और आरबीआई की सावर्जनिक नीति की अनिवार्यता के साथ-साथ इसके तुलन पत्र पर प्रभाव और इसमें शामिल जोखिम को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें दीं। समिति की सिफारिशें इस तथ्य से निर्देशित थीं कि आरबीआई मौद्रिक, वित्तीय और बाहरी स्थिरता के लिए पहले बचाव का जरिया बनाता है।

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