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नई दिल्ली: देश में मोबाइल डेटा की कीमत पिछले पांच साल के दौरान 95 प्रतिशत घटकर 11.78 रुपये प्रति गीगाबाइट (जीबी) पर आ गई है। हालांकि, इस दौरान डेटा से दूरसंचार आपरेटरों की कुल आय ढाई गुना बढ़कर 54,671 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान देश में डेटा का उपभोग 56 गुना बढ़कर 2018 में 4,640.4 करोड़ जीबी पर पहुंच गया, जो 2014 में 82.8 करोड़ जीबी था। इसी तरह प्रति उपभोक्ता औसत डेटा खपत कई गुना बढ़कर 7.6 जीबी पर पहुंच गई, जो 2014 में 0.27 जीबी थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और असम सेवा क्षेत्रों में 2018 में औसत वायरलेस डेटा इस्तेमाल में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई जबकि अन्य सेवा क्षेत्रों में यह वृद्धि 50 प्रतिशत से अधिक रही। रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में डेटा की खपत 2,009.2 करोड़ जीबी थी, जो 2018 में 131 प्रतिशत बढ़कर 4,640.4 करोड़ जीबी पर पहुंच गई।

कुल डेटा प्रयोग में 4जी प्रौद्योगिकी का हिस्सा 86.85 प्रतिशत यानी 4,030.4 करोड़ जीबी रहा। वहीं 2जी का हिस्सा 0.95 प्रतिशत, 3जी का 12.18 प्रतिशत और सीडीएमए का 0.01 प्रतिशत हिस्सा रहा। इस दौरान प्रति व्यक्ति राजस्व 2014 के 71.25 रुपये से बढ़कर 2018 में 90.02 रुपये पर पहुंच गया।

रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में वायरलेस डेटा इस्तेमाल से राजस्व 22,265 करोड़ रुपये था जो कि 2018 में 54,671 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले 2017 में यह 38,882 करोड़ रुपये रहा था।

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