नई दिल्ली: शेयर बाजार में सोमवार को छाई हरियाली और निवेशकों द्वारा 2.41 लाख करोड़ रुपये की कमाई करने के बावजूद भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले अपने नौ माह के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। 36 पैसे की गिरावट रुपया 36 पैसे की गिरावट के साथ 72.02 के स्तर पर बंद हुआ। यह 14 नवंबर, 2018 के बाद अभी तक का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले दिन में रुपया 72.25 के स्तर पर चला गया था। तुर्की की लीरा, चीन के युआन और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर में गिरावट देखने को मिली, जिसके कारण रुपये में कमजोरी आई है।
आप पर पड़ेगा ऐसे असर
रुपये में ज्यादा गिरावट होने से सबसे पहला असर महंगाई पर पड़ेगा। इसकी वजह से डॉलर काफी मजबूत हो गया है। रुपये में कमजोरी के चलते कच्चा तेल और महंगा हो सकता है। हालांकि यह अभी 57 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है। देश में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, पीएनजी के दामों में इजाफा हो सकता है। इससे खाद्य पदार्थों में भी आग लग सकती है।
कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत को ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ेगा, जिसका असर आगे आने वाले दिनों में देखना पड़ेगा।
बिगड़ेगा रसोई का बजट
इसकी वजह से आलू-प्याज और हरी सब्जियों की कीमत में 30 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है, वहीं ब्रेड व अंडा जैसी दैनिक उपयोग की चीजें भी महंगी हो सकती हैं। इससे रसोई का बजट बिगड़ सकता है। डीजल बढ़ने से जहां शहरों में दूध, फल, सब्जियां महंगी हो जाएंगी, वहीं दूसरी तरफ आना-जाना भी बढ़ जाएगा।
विदेश में पढ़ना, रहना महंगा
विदेश में पढ़ाई करना या फिर घूमने के लिए जाना भी महंगा हो गया है, क्योंकि ज्यादातर देशों में डॉलर में ही भुगतान करना होता है। ऐसे में होटल के किराये से लेकर के हवाई टिकट के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।