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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की एक नयी योजना आरओडीटीईपी की शनिवार को घोषणा की। निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है।

सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है। अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा। सीतारमण ने यह भी कहा कि माल एवं सेवाकर के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी। इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है।

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 15वें वित्त आयोग के विषय एवं शर्तों में बदलाव के तरीके को ‘एकपक्षीय’ बताते हुए इसके लिए शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि एकपक्षीय सोच संघीय नीति एवं सहकारी संघवाद के लिए ठीक नहीं है। सिंह ने वित्त आयोग के समक्ष रखे गए अतिरिक्त विषयों और राज्यों पर उनके संभावित प्रभाव के बारे में राजधानी में एक राष्ट्रीय परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सरकार वित्त आयोग के विचारणीय विषय व शर्तों में फेरबदल करना भी चाहती थी तो अच्छा तरीका यही होता कि उस पर ‘राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन’ का समर्थन ले लिया जाता। यह सम्मेलन अब नीति आयोग के तत्वावधान में होता है।’

उन्होंने कहा, ऐसा नहीं करने से यह संदेश जाएगा कि धन के आवंटन के मामले में केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों को छीनना चाहती है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हम अपने देश की जिस संघीय नीति और सहकारी संघवाद की कसमें खाते हैं, यह उसके लिए ठीक नहीं है।

नई दिल्ली: देशभर में अटकी आवासीय परियोजनओं में घर मिलने का इंतजार कर रहे लाखों लोगों को उनका आशियाना मिलने का रास्ता साफ हो गया है। वित्त मंत्री वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 60 प्रतिशत तक पूरे हो चुके निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की घोषणा की। साथ ही इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटायी जाएगी। इस तरह से इस कोष में 20 हजार करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध होगी। हालांकि, यह सहायता ऐसी परियोजनाओं को ही मिलेगी जो दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी में जाने या गैर निष्पादित सम्पत्ति (एनपीए) घोषित होने से बची हुई हैं।

उन्होंने कहा कि इससे किफायती तथा मध्य आय वर्ग के लिए बनाई जा रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कोष का प्रबंधन पेशेवर लोग करेंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण के लिए कर्ज पर ब्याज दर को कम किया जाएगा तथा इन पर ब्याज की दर को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड (निवेश -प्रतिफल) से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, सरकारी नौकरी वाले लोग आवास की मांग में अहम योगदान देते हैं। इस व्यवस्था से सरकारी नौकरी वाले अधिक लोगों को नया घर खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा।

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल गुरुवार को लोगों के निशाने पर आ गए। भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक संवादाता सम्मेलन में बोलते हुए गोयल ने यह कह दिया कि गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज आइंस्टीन ने की थी। यह वीडियो ट्रोल होने लगा और ट्विटर पर आइंसटीन, न्यूटन और पीयूष गोयल ट्रेंड में आ गए। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरी बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है।

दे रहे थे अर्थव्यवस्था से जुड़े सवालों का जवाब

गोयल 50 खरब रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर अपने तर्क दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर बड़े आंकड़ों को देखने की आवश्यकता नहीं। अगर आइंस्टीन ने आंकड़ों और गणित की चिंता की होती तो वो कभी भी गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज नहीं कर पाते।‘

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