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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली, आर्थिक आंकड़ों की कमजोरी तथा डॉलर की अन्य प्रमुख मुद्राओं के समक्ष मजबूती के बीच भारतीय रुपए की विनिमय दर प्रति डालर 97 पैसे हल्की हो कर 72.39 पर आ गयी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर गिरकर पांच प्रतिशत पर आ गयी। यह आर्थिक वृद्धि की छह वर्ष की सबसे धीमी दर है।

इसके साथ ही आठ आधारभूत उद्योगों की वृद्धि दर घटकर जुलाई में 2.1 प्रतिशत रह गई। कोयला, कच्चातेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में कमी से आधारभूत उद्योगों का प्रदर्शन फीका रहा। अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में सुबह रुपया 72 रुपये पर कमजोर खुला और एक समय गिर कर 72.40 प्रति डॉलर तक चला गया था। अंत में स्थानीय मुद्रा की विनिमय दर 97 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 72.39 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई। पांच अगस्त के बाद रुपये में एक सबसे बड़ी गिरावट तथा यह 13 नवंबर 2018 के बाद स्थानीय मुद्रा का सबसे कमजोर बंद भाव है।

चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावि विलय से कर्मचारियों की नौकरी जाने के खतरे की चिंता को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि विलय के इन निर्णयों से किसी एक कर्मचारी की भी नौकरी नहीं जाएगी।

सीतारमण ने नौकरी जाने के बारे में बैंक यूनियनों की चिंताओं के बारे में संवाददाताओं से कहा, ''यह बिल्कुल तथ्यहीन बात है। मैं इनमें से हर बैंक की सभी यूनियनों एवं लोगों को यह आश्वस्त करना चाहती हूं कि वे शुक्रवार को मेरी कही गयी बात को याद करें। जब हमने बैंकों के विलय की बात की तो मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। किसी को भी नहीं।'' सीतारमण बैंकों के प्रस्तावित विलय का बैंक के कर्मचारी यूनियनों द्वारा विरोध किये जाने पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं।

निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। यह निर्णय देश में मजबूत और वैश्विक पैमाने के बड़े बैंक गठित करने के लक्ष्य से किया गया है। उम्मीद है कि विलय के बाद बनने वाले नए बैंक अर्थव्यवस्था की कर्ज की जरूरतों को पूरा करके मजबूती दूर करने तथा भारत को 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में अधिक मददगार हो सकेंगे।

नई दिल्ली: एक सितंबर से रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में बढ़ोतरी हो गई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने बिना-सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर की कीमत में इजाफा कर दिया है। बता दें कि पिछले दो महीनों से कीमतें लगातार गिर रही थीं।

गैस सिलिंडर के लिए चुकाने होंगे इतने पैसे

देश के प्रमुख महानगरों में बिना-सब्सिडी वाला गैस सिलिंडर करीब 16 रुपये महंगा हुआ है। आज से दिल्ली में 14.2 किलो के बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर के लिए आपको 590 रुपये चुकाने पड़ेंगे। कोलकाता में इसका दाम 616.50 रुपये है। वहीं मुंबई और चेन्नई में 14.2 किलो के बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर का दाम क्रमश: 562 और 606.50 रुपये है। वहीं, 19 किलोग्राम सिलिंडर की कीमत दिल्ली में 1054.50 रुपये हो गई है। कोलकाता में 1114.50 रुपये, मुंबई में 1008.50 रुपये और चेन्नई में 1174.50 रुपये है।

नई दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में धीमी पड़कर 5 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी तिमाही में वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी दर पहली तिमाही में 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई। जो 6 साल में इसका सबसे निचला स्‍तर है। आपको बता दें कि अधिकांश संकेतक कमजोर घरेलू मांग और सुस्त निवेश माहौल की ओर इशारा कर रहे थे। ऐसे में पहले से ही भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में और घटने की आशंका जताई जा रही थी।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने 28 अगस्त को कहा था कि चालू वित्त वर्ष में मंद वृद्धि वाला लगातार तीसरा साल होगा। इसने इसके लिए मुख्य रूप से उपभोग की मांग में कमी, मॉनसून में देरी, विनिर्माण में गिरावट और निर्यात को प्रभावित करने वाले वैश्विक व्यापार में मंदी को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा अन्य फर्मों ने भी समान रूप से अर्थव्यवस्था के नकारात्मक दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने वित्त वर्ष 2020 में वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने की बात कही है।

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