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नई दिल्ली: दिल्ली सराफा बाजार में सोने की कीमतों ने सोमवार को नया रिकॉर्ड बनाया। सोने का भाव पहली बार 40 हजार के पार चला गया है। वहीं चांदी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली और यह 45 हजार के पार चला गया। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी अमेरिका और चीन में जारी व्यापार युद्ध के कारण कीमतों में तेजी बनी गई।

11 बजे पार किया 39 हजार का स्तर

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सुबह 11 बजे सोने की कीमत ने 39 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया था। इस दौरान सोने के भाव में 550 रुपये यानी करीब 1.45 फीसदी की तेजी आई और यह 39,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। दोपहर 1.30 बजे यह 40 हजार प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करते हुए देखा गया। सोने के अलावा चांदी के भाव में 670 रुपये यानी 1.48 फीसदी की तेजी देखने को मिली और यह 45,275 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा था।

नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों के दबाव के आगे झुकते हुये सरकार ने शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) तथा घरेलू निवेशकों पर लगाया गया ऊंचा कर अधिभार वापस ले लिया। इस साल के बजट में एफपीआई सहित सुपर रिच लोगों पर ऊंचा कर अधिभार लगा दिया गया। विदेशी निवेशक बजट के बाद से ही बढ़े अधिभार को वापस लेने की लगातार मांग कर रहे थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए और भी कई उपायों की घोषणा की।

सीतारमण ने कहा, ‘‘पूंजी बाजार में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये शेयरों, यूनिटों की खरीद फरोख्त से होने वाले दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर वित्त (नंबर- दो) अधिनियम, 2019 के जरिये लगाये गये बढ़े अधिभार को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि इसमें बजट से पहले की स्थिति को फिर कायम कर दिया गया है। इस कदम से सरकार को 1,400 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम पूंजी बाजार में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया है।

नई दिल्ली: देश में मोबाइल डेटा की कीमत पिछले पांच साल के दौरान 95 प्रतिशत घटकर 11.78 रुपये प्रति गीगाबाइट (जीबी) पर आ गई है। हालांकि, इस दौरान डेटा से दूरसंचार आपरेटरों की कुल आय ढाई गुना बढ़कर 54,671 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान देश में डेटा का उपभोग 56 गुना बढ़कर 2018 में 4,640.4 करोड़ जीबी पर पहुंच गया, जो 2014 में 82.8 करोड़ जीबी था। इसी तरह प्रति उपभोक्ता औसत डेटा खपत कई गुना बढ़कर 7.6 जीबी पर पहुंच गई, जो 2014 में 0.27 जीबी थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और असम सेवा क्षेत्रों में 2018 में औसत वायरलेस डेटा इस्तेमाल में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई जबकि अन्य सेवा क्षेत्रों में यह वृद्धि 50 प्रतिशत से अधिक रही। रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में डेटा की खपत 2,009.2 करोड़ जीबी थी, जो 2018 में 131 प्रतिशत बढ़कर 4,640.4 करोड़ जीबी पर पहुंच गई।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था में इस समय दिख रहे धीमेपन को 'बहुत चिंताजनक' करार देते हुए कहा कि सरकार को ऊर्जा एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्रों की समस्याओं को तत्काल सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी निवेश प्रोत्साहित करने को सरकार को नये कदम उठाने चाहिए। वर्ष 2013-16 के बीच गवर्नर रहे राजन ने भारत में जीडीपी की गणना के तरीके पर नये सिरे से गौर करने का भी सुझाव दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम के शोध निबंध का हवाला दिया जिसमें निष्कर्ष निकाला गया है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ा चढ़ाकर आंका गया है।

राजन ने सीएनबीसी टीवी18 से बातचीत में कहा, ''निजी क्षेत्र के विश्लेषकों की ओर से आर्थिक वृद्धि को लेकर कई तरह के अनुमान लगाये जा रहे हैं, जिनमें से कई संभवतः सरकार के अनुमान से काफी नीचे हैं। मेरा मानना है कि आर्थिक सुस्ती निश्चित रूप से बहुत चिंताजनक है।'' उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 6.8 प्रतिशत पर रह गयी, जो 2014-15 के बाद से सबसे कम रहा। विभिन्न निजी विशेषज्ञों और केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि इस साल जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत के सरकारी अनुमान से कम रहेगी।

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