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दावोस: सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को उच्च स्तर पर ले जाने और सुधार एजेंडे को जारी रखने को लेकर आश्वस्त वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज (शनिवार) को कहा कि एक मुख्य सुधार जिसपर भारत में अभी काम चल रहा है वह है कारोबार सुगमता और उसके लिये कदम उठाये जा रहे हैं। जेटली ने यह भी कहा कि राजनीतिक विरोध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर सुधार समेत सुधार प्रक्रिया में बाधा पैदा नहीं कर सकता है और उन्हें उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी पारित हो जाएगा। जीएसटी उन कुछ सुधारों में शामिल है जो अटके पड़े हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में कारोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग सुधरी है लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है।

दावोस: जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों को कड़ा संदेश देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि बैंकों से काफी मात्रा में कर्ज ले रखी बड़ी कंपनियों को बेहतर आचरण करना चाहिए और गंभीर रूप से कर्ज में डूबे होने के बावजूद ‘जन्मदिन की बड़ी बड़ी पार्टियों’ जैसे फिजुलखर्च से बचना चाहिए। देश में बड़ें-बड़े कर्जदाता से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हम उसे बदलने की कोशिश कर रहे हैं..यह कोई बड़ी कंपनियों, धनी लोगों का मामला नहीं है। यह कोई राबिन हुड वाला मामला नहीं है। यह समाज में गलत काम करने वालों से जुड़ा मामला है..। राजन ने कहा,..अगर आप काफी कर्ज लेने के बाद भी जन्मदिन की बड़ी पार्टी पर फिजलुखर्च करते हैं, इससे लोगों को लगेगा कि मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है।

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक महात्मा गांधी सीरीज-2005 के तहत अधिक सुरक्षा मानकों वाले 500 और 100 रुपये के नये नोट जारी करेगा। पहले के नोट भी प्रचलन में रहेंगे। रिजर्व बैंक ने कहा कि ये सुरक्षात्मक उपाय नकली नोट चलाने की गतिविधियों को रोकने के लिए निरंतर डिजाइन में सुधार करने और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है। रिजर्वबैंक ने शुक्रवार को एक अधिसूचना में कहा, रिजर्व बैंक जल्द ही महात्मा गांधी सीरीज-2005 के तहत तीन अतिरिक्त संशोधित तत्वों के साथ 500 के बैंक नोट जारी करेगा जिसमें अंक के दोनों खानों के इन्सेट में अंग्रेजी का अक्षर ‘ई’ होगा। इन नोटों पर आरबीआई के गवर्नर डॉ. रघुराम जी राजन के हस्ताक्षर होंगे।

नई दिल्ली: रेलवे की महत्वकांक्षी 2500 करोड़ रुपये की ट्रेनसेट परियोजना को झटका लगा है। इस संबंध में छांटे गये बोलीदाताओं ने और समय मांगा है तथा वित्तीय बोली जमा करने से पहले बोली दस्तावेज में बदलाव की मांग की है। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का हिस्सा है। रेलवे ने 17 ट्रेन सेट के लिये 316 डिब्बों की खरीद, रखरखाव एवं विनिर्माण हेतु पिछले वर्ष जून में वैश्विक निविदा जारी की थी। परियोजना के अनुरोध प्रस्ताव के तहत 276 डिब्बों का विनिर्माण भारत में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत किये जाएंगे जबकि 40 का आयात किया जाएगा। इसके लिये पांच बोलीदाता पात्र पाये गये थे और उन्हें पिछले साल दिसंबर के अंत तक बोली जमा करनी थी। लेकिन अब बोलीदाताओं का परियोजना को लेकर रूख ठंडा है।

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