दावोस: सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को उच्च स्तर पर ले जाने और सुधार एजेंडे को जारी रखने को लेकर आश्वस्त वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज (शनिवार) को कहा कि एक मुख्य सुधार जिसपर भारत में अभी काम चल रहा है वह है कारोबार सुगमता और उसके लिये कदम उठाये जा रहे हैं। जेटली ने यह भी कहा कि राजनीतिक विरोध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर सुधार समेत सुधार प्रक्रिया में बाधा पैदा नहीं कर सकता है और उन्हें उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी पारित हो जाएगा। जीएसटी उन कुछ सुधारों में शामिल है जो अटके पड़े हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में कारोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग सुधरी है लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है।
इस दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है। विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के आखिरी दिन ‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य’ सत्र में जेटली ने कहा कि जीएसटी सरकार की प्राथमिकताओं में काफी उपर है जबकि आने वाले दिनों में नया दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता सुधारों की दिशा में एक और पहल है। चर्चा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने इस दौरान कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ आकर्षक स्थान बना हुआ है जो किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था के मुकाबले ऊंची वृद्धि है। यह पूछने पर कि क्या भारत में सब कुछ ठीक चल रहा है या कोई समस्या है? जेटली ने कहा कि अभी बहुत कुछ करना है और एक आधारभूत समस्या यह है कि अभी भी आबादी का बड़ा हिस्सा गरीबी में रहता है। उन्होंने कहा, ‘इस हिस्से को गरीबी से बाहर निकालने के लिए हमें लंबे समय तक वृद्धि को उच्च स्तर पर बनाये रखने की जरूरत है। भारत में लगातार यह सोच बढ़ रही है कि कुछ अनुकूल परिस्थितियों में हम और अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज कर सकते हैं।’ जेटली ने कहा कि वैश्विक कारकों के अलावा लगातार दो बार खराब मानसून रहा है जिससे ग्रामीण मांग प्रभावित हुई और जिसका वृद्धि दर पर असर पड़ा। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्थिति के मामले में कच्चे तेल की कीमत काफी मददगार रही है लेकिन निर्यात घटना प्रतिकूल स्थिति रही है।’ जेटली ने कहा कि सरकार ने कई पहलें की हैं और कुछ प्रक्रिया में हैं जिनमें कुछ विधायी सुधार शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि हम इसे कर लेते हैं तो हम आने वाले वर्षों में ज्यादा तेजी से प्रगति कर सकते हैं।’ उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में पूछने पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक बेहद महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं वे एक ही दिशा में हैं। हमने कोई गलती नहीं की है।’ उन्होंने कहा, ‘राज्य भी बेहद प्रतिस्पर्धी हो गए हैं और यह भी भारत के लिए अच्छी बात है।’ जेटली ने कहा, ‘जीएसटी समेत एक या दो विधेयक हैं जो अटके हैं, लेकिन ये हमारी शीर्ष प्राथमिकता में है। हम जो प्रत्यक्ष कर सुधार कर रहे हैं उसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। हमें अप्रत्यक्ष कर सुधार के बारे में भी उम्मीद रखनी चाहिए। फिर हमारे पास नया दिवाला कानून भी है।’ उन्होंने कहा, ‘एक मुख्य सुधार जिस पर अभी भी काम चल रहा है, वह है भारत में कारोबार सुगमता। इस संबंध में हमारा इतिहास बहुत अच्छा नहीं रहा है लेकिन इस संबंध में हमारी रैंकिंग सुधरी है। फिर भी इस दिशा में काम चल रहा है और हम इस दिशा में पहल करना जारी रखेंगे।’