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नई दिल्ली: दलितों के बीच पहुंच को बढ़ाने की पहल करते हुए सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) की पूंजी हिस्सेदारी को 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,200 करोड़ रुपये करने का निर्णय किया। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदायों से जुड़ी योजनाओं का बेहतर पोषण करना है। एनएसएफडीसी एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है जो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत आता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एनएसएफडीसी के कोष को बढ़ाने की मंजूरी दी गई। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'इस मंजूरी से आर्थिक गतिविधियों के लिए निर्धारित कोष में इजाफा होगा।

नई दिल्ली: बरसों तक जोरदार वद्धि दर्ज करने के बाद एपल की बिक्री की वद्धि दर हाल में सबसे अधिक सुस्त रही लेकिन प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी ने रिकार्ड तिमाही मुनाफा दर्ज किया है। एपल का मुनाफा 26 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान दो प्रतिशत बढ़ा जो पिछले साल की तिमाही में 18.4 अरब डालर था जबकि आय भी दो प्रतिशत बढ़कर 75.9 अरब डालर रही। तिमाही नतीजा उम्मीद के अनुरूप रहा कि आईफोन की ब्रिकी एपल की आय में दो तिहाई योगदान करने वाली - चरम पर पहुंच गई है और कंपनी को वद्धि के नए स्रोतों की तलाश करनी होगी। एपल के शेयरों में इस चिंता के बीच पिछले साल से 20 प्रतिशत की गिरावट आई है।

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल व ईआईएल पश्चिमी तट पर देश की सबसे बड़ी रिफानरी स्थापित करने में 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी। प्रधान ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा है कि देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी इंडियन आयल कारपोरेशन महाराष्ट्र में छह करोड़ टन क्षमता की तेल रिफाइनरी लगाएगी। कंपनी यह रिफाइनरी भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) व इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) के साथ मिलकर लगा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त रिफाइनरी दो चरणों में बनेगी। पहले चरण में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा जो कि भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा निवेश है।

पेरिस: लगातार पांच साल तक बढ़ोतरी दर्ज करने के बाद पिछले साल पहली बार वैश्विक इस्पात उत्पादन 2.8 प्रतिशत घटकर 1.62 अरब टन पर आ गया है। विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए) ने सोमवार को कहा कि कुल वैश्विक उत्पादन में चीन का हिस्सा आधा है।दुनिया के सबसे बड़े इस्पात उत्पादक और उपभोक्ता देश चीन ने पिछले साल 80.38 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन किया। यह 2014 की तुलना 2.3 प्रतिशत कम है। हालांकि, वैश्विक इस्पात उत्पादन में चीन का हिस्सा मामूली 0.2 प्रतिशत बढ़कर 49.5 प्रतिशत रहा। डब्ल्यूएसए ने कहा कि ओशिनिया को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में कच्चे इस्पात उत्पादन में कमी आई है।

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