दावोस: जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों को कड़ा संदेश देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि बैंकों से काफी मात्रा में कर्ज ले रखी बड़ी कंपनियों को बेहतर आचरण करना चाहिए और गंभीर रूप से कर्ज में डूबे होने के बावजूद ‘जन्मदिन की बड़ी बड़ी पार्टियों’ जैसे फिजुलखर्च से बचना चाहिए। देश में बड़ें-बड़े कर्जदाता से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हम उसे बदलने की कोशिश कर रहे हैं..यह कोई बड़ी कंपनियों, धनी लोगों का मामला नहीं है। यह कोई राबिन हुड वाला मामला नहीं है। यह समाज में गलत काम करने वालों से जुड़ा मामला है..। राजन ने कहा,..अगर आप काफी कर्ज लेने के बाद भी जन्मदिन की बड़ी पार्टी पर फिजलुखर्च करते हैं, इससे लोगों को लगेगा कि मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि इससे लोगों में गलत संदेश जाता हैं राजन ने एनडीटीवी से कहा, अगर आप समस्या में हैं, आपको यह दिखाना चाहिए कि आपका खर्च में कटौती करने पर ध्यान है और सार्वजनिक रूप से फिजलुखर्च नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक कर्ज वसूली को लेकर बैंकों के लिये प्रक्रिया तैयार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने रिजर्व बैंक ने बैंकों से मार्च 2017 तक बही-खातों को साफ-सुथरा करने को कहा। उन्हें फंसे कर्ज से निपटने के लिये ज्यादा शक्तियां दी जा रही है जो जून तिमाही में 6.0 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) जून 2015 में कुल कर्ज का 6.03 प्रतिशत हो गया जो मार्च 2015 में 5.20 प्रतिशत था। रपये से जुड़े एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि अन्य उभरते देशों की तुलना में भारतीय मुद्रा बेहतर स्थिति में है। उन्होंने सरकार द्वारा हाल में शुरू किये गये स्टार्टअप इंडिया तथा फसल बीमा जैसे कार्यक्रमों की सराहना भी की। एक अन्य कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि कंपनियों को शेयरधारकों का मूल्य अधिकतम करते समय समाज को नहीं भूलना चाहिए। कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पर एक परिचर्चा में भाग लेते हुए राजन ने यह बात कही।