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नई दिल्ली: सरकार ने कालाधन घोषणा योजना के तहत कर और जुर्माने के भुगतान की समय सीमा बढ़ाने की आज (गुरूवार) घोषणा की। योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वाले अब अगले साल 30 सितंबर तक तीन किस्तों में कर और जुर्माने का भुगतान कर सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा है कि आय घोषणा योजना 2016 के तहत कर एवं जुर्माने की 25 प्रतिशत राशि की पहली किस्त नवंबर 2016 तक, इसके बाद 25 प्रतिशत की दूसरी किस्त 31 मार्च 2017 तक देनी होगी। शेष राशि की तीसरी किस्त 30 सितंबर 2017 तक चुकानी होगी। कालाधन खुलासा योजना में इससे पहले कर, अधिभार व जुर्माने का पूरा भुगतान इसी साल 30 नवंबर तक किया जाना था। सरकारी वक्तव्य में कहा गया है कि आय घोषणा योजना के भागीदारों के समक्ष आने वाली व्यावहारिक दिक्कत को ध्यान में रखते हुए भुगतान समयसीमा में बदलाव किया गया है। मंत्रालय ने इस योजना को लेकर देश के अनेक हिस्सों में बैठक व संगोष्ठियां की हैं। इन बैठकों में भागीदारों ने यह चिंता जताई कि कर आदि के भुगतान की समयावधि कम है। उद्योग संगठनों, सीए व कर पेशेवरों ने पिछले महीने वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ अपनी बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था। उल्लेखनीय है कि आय घोषणा योजना (आईडीएस) की घोषणा 2016-17 के बजट में की गई थी। योजना के तहत घोषणा करने की अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो जायेगी।

नई दिल्ली: आभूषण निर्माताओं पर लगाए गए उत्पाद शुल्क में कारोबारियों के लिए छूट दायरा बढ़ाते हुए सरकार ने इसकी छूट सीमा को छह करोड़ रुपये से बढ़ाकर दस करोड़ रुपये कर दिया है। इससे छोटे आभूषण व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि पहले दो साल तक उन आभूषण कारोबारियों का कोई उत्पाद ऑडिट नहीं होगा जिनकी शुल्क अदायगी एक करोड़ रुपये से कम है यानी उनका विनिर्माण कारोबार 100 करोड़ रुपये से कम रहा है। सरकार द्वारा बजट में गैर-चांदी आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने के प्रस्ताव का आभूषण कारोबारियों ने बड़े पैमाने पर विरोध किया था। इसके बाद सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति की एक उप समिति का गठन किया था जिसे इस संबंध में व्यापारियों और उद्योगों से बातचीत कर इस मामले को सुलझाने का काम दिया गया था। सरकार ने समिति की सिफारिशों से अलग यह भी निर्णय किया कि आभूषण निर्माताओं के लिए लघु इकाई की पात्रता सीमा 12 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये और लघु इकाइयों के लिए छूट सीमा को छह करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया जाना चाहिये और मार्च 2016 के लिए इसे 85 लाख रुपये किया गया है।

नई दिल्ली: औद्योगिक उत्पादन में मई में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार का हल्का संकेत देता है। हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.77 प्रतिशत हो गयी जो कि 22 महीने का उच्च स्तर है। मुद्रास्फीति बढ़ने के बाद रिजर्व बैंक की तरफ से नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश कम हुई है। टिकाऊ उपभोक्ता सामान तथा विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि से औद्योगिक उत्पादन मई में 1.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि इससे पिछले महीने में इसमें 1.35 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। देश के औद्योगिक उत्पादन में होने वाली वृद्धि को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के रूप में मापा जाता है। इसमें पिछले वर्ष मई में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार हालांकि संचयी आधार पर औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-मई में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति एक माह पहले मई में 5.76 प्रतिशत जबकि एक साल पहले जून में 5.40 प्रतिशत पा थी। इससे पहले अगस्त 2014 में उपभोक्ता मुद्रास्फीति 7.8 प्रतिशत पर थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति जून-2016 में बढ़कर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो इससे पिछले महीने 7.47 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर आलोच्य महीने में 14.74 प्रतिशत रही जो मई में 10.77 प्रतिशत थी।

वॉशिंगटन: सड़क सुरक्षा को भारत में बड़ी समस्या करार देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अमेरिका ने अपना प्रौद्योगिकी ज्ञान साझा करने की चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग का वादा किया है। गडकरी ने अमेरिकी परिवहन सचिव एंथनी फॉक्स से मुलाकात और अमेरिकी कारोबारी समुदाय समेत दिन भर चली अन्य बैठकों के बाद भारतीय पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘सड़क सुरक्षा हमारी सरकार की उच्चतम प्राथमिकता है।’ गडकरी ने कहा, ‘आज हमने अमेरिकी परिवहन मंत्री के साथ सड़क सुरक्षा के संबंध में अपनी समस्याओं की चर्चा की। अच्छी बात यह है कि मंत्री ने मुझे नियम, नियमन, साफ्टवेयर प्रणाली, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष समेत हर किस्म के सहयोग का वादा किया। वे हमारे साथ हर तरह के सहयोग के लिए तैयार हैं।’ गडकरी ने स्वीकार किया भारत में सड़क सुरक्षा को बड़ी समस्या है और हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1,50,000 से अधिक लोग मरते हैं। गडकरी ने कहा,‘हम अमेरिका सरकार से विशेष तौर पर सड़क सुरक्षा और तेज-तर्रार यातायात प्रबंधन प्रणाली में मदद ले रहे हैं जिसे हम पूरे भारत में लागू करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सड़क सुरक्षा की स्थिति को लेकर बहुत परेशान हूं।’’ गडकरी ने कहा कि अमेरिका ने भारतीय सड़क निर्माण, पुल और फ्लाइओवर के भारतीय संहिता के मानकीकरण में भी हर तरह का तकनीकी सहयोग प्रदान करने का भी वादा किया है।

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