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नई दिल्ली: केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला को भारत को अपना एशियाई विनिर्माण केन्द्र बनाने का आग्रह करते हुए कंपनी को प्रमुख भारतीय बंदरगाहों के निकट जमीन उपलब्ध कराने की पेशकश की है ताकि कंपनी यहां से दक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को निर्यात कर सके। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, गडकरी ने अमेरिका के सेन फ्रांस्सिको में टेस्ला के कारखाने का दौरा किया। उन्होंने कंपनी को भारत में आटोमोबाइल क्षेत्र की कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम बनाने की भी पेशकश की ताकि देश में प्रदूषण मुक्त सड़क परिवहन को बढ़ावा दिया जा सके। विशेष तौर पर वाणिज्यिक और सार्वजनिक मोटर वाहन क्षेत्र में इसका फायदा होगा। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘उन्होंने टेस्ला के वरिष्ठ अधिकारियों को भारत को अपना एशिया का विनिर्माण केन्द्र बनाने का आग्रह किया और साथ ही कंपनी को भारत के प्रमुख बंदरगाहों के निकट जमीन उपलब्ध कराने की पेशकश की ताकि वह आसानी से दक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को वाहनों का निर्यात कर सके।’ टेस्ला के वरिष्ठ कार्यकारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि दुनिया के बाजारों तक पहुंच बनाने के लिये कंपनी का विनिर्माण केन्द्र अमेरिका से बाहर होना चाहिये। उन्होंने इस मामले में सहयोग की भारतीय पेशकश की सराहना की और कहा कि भविष्य में उचित समय पर वह इस बारे में विचार करेंगे।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि प्रतिष्ठा के लिए उम्रदराज होने का दौर अब गुजर रहा है। समाज में आदर्शों के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग अब युवा उम्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं। लक्ष्मीपत सिंघानिया आईआईएम लखनऊ राष्ट्रीय लीडरशिप पुरस्कारों के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्रेरक समाज में उपलब्धि पाने वालों को भी आदर्शों की तरह व्यवहार करना होगा, समाज के लिए आदर्शों का होना जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रोत्साहन आदर्शों को सार्वजनिक बहस का केंद्र बिंदु बनाता है। जेटली ने कहा कि युवा उम्र में ज्यादा लोगों द्वारा उपलब्धि हासिल करने से ‘प्रतिष्ठा के लिए उम्रदराज होने का दौर अब गुजर रहा है।’ उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि अब 40 साल के अनुभव वाले किसी चिकित्सक को सर्वश्रेष्ठ नहीं माना जाता। इस पुरस्कार वितरण में कारोबार, विज्ञान एवं तकनीक, सामुदायिक सेवा इत्यादि क्षेत्रों के पुरस्कार वितरित किए गए।

मुंबई: सरकारी स्वर्ण बांड की चौथी किस्त के लिये निर्गम मूल्य 3,119 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। निर्गम 18 जुलाई को खुलेगा।रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2016-17 की इस पहली-श्रंखला के सरकारी स्वर्ण बांड का निर्गम 18-22 जुलाई तक खुलेगा। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि स्वर्ण बांड का मूल्य भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ लिमिटेड के 11 से 15 जुलाई 2016 के दौरान 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के सामान्य औसत आधार पर तय किया गया है। बॉंड की बिक्री स्टॉक होल्डिंग कापरेरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, प्राधिकृत डाकघरों और एनएसई, बीएसई जैसे प्राधिकृत शेयर बाजारों से की जायेगी। सरकार ने इससे पहले पिछले साल नवंबर में सावरेन स्वर्ण बांड योजना के तहत 915.95 किलो सोने के बॉंड बेचे जिनका मूलय 246 करोड़ रुपये रहा। बॉंड से मिलने वाली राशि सरकार की बाजार उधारी कार्यक्रम का हिस्सा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवंबर 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। योजना का मकसद निवेशकों को भौतिक रूप में सोने की खरीदारी से दूर रखना है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज (गुरूवार) कहा कि गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरूद्धार से स्थानीय स्तर पर यूरिया उपलब्ध होने के साथ इन क्षेत्रों के आसपास रोजगार पैदा होंगे। मंत्रिमंडल ने करीब 18,000 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से इन तीन बंद पड़ी उर्वरक इकाइयों के पुनरूद्धार को मंजूरी दे दी। पूर्वी राज्यों की मांग को पूरा करने के प्रयासों तथा देश को यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों के तहत यह कदम उठाया गया है। सरकार ने तीनों कारखानों को 12.7-12.7 लाख टन सालाना क्षमता के साथ तीनों बंद पड़ी इकाइयों को चालू करने को मंजूरी दी है। जेटली ने ट्विटर पर लिखा है, ‘गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी उर्वरक इकाइयों के पुनरूद्धार से रोजगार के अवसर सृजित होंगे और स्थानीय स्तर पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।’ एक अन्य ट्विट में वित्त मंत्री ने कहा कि राजग सरकार का इन इकाइयों के पुनरूद्धार का निर्णय भारत का कायाकल्प करने की दिशा में किया गया प्रयास है। फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) के सिंदरी (झारखंड) तथा गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में दो बंद पड़े कारखाने हैं। वहीं हिंदुस्तान फर्टिलाइजर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) की बरौनी (बिहार) में एक बंद कारखाना है। इन तीनों कारखानों का पुनरूद्धार एक विशेष उद्देशीय निकाय (एसपीवी) के जरिये किया जायेगा। ये निकाय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा बनाये जाएंगे।

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