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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि नोटबंदी का फैसला व्यापक चर्चा के बाद किया गया न कि जल्दबाजी में। इसके साथ ही बैंक ने नकदी संकट से निपटने के लिए नयी मुद्रा की लगातार आपूर्ति करने का वादा भी किया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने यहां कहा, ‘यह (नोटबंदी का) फैसला जल्दबाजी में नहीं किया बल्कि यह कदम व्यापक विचार विमर्श के बाद उठाया गया।’ उन्होंने कहा कि इस पहल में गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा गया तथा केंद्रीय बैंक व सरकार को इससे आम जनता को होने वाली तात्कालिक दिक्कतों का भान था तथा इन्हें दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद पटेल ने मीडिया से कहा कि आम लोगों को हो रही दिक्कतें ‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता में हैं’ और इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि ‘दिक्कत की यह अवधि कम से कम हो।’ रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि 500 व 1000 रुपये के जितने मूल्य के नोट प्रचलन से बाहर किए थे उनमें से 11.85 लाख करोड़ रुपये की राशि फिर प्रणाली में आ गई है। सरकार ने 8 नवंबर की रात नोटबंदी की घोष

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