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नई दिल्ली: कालेधन पर लगाम लगाने की कोशिशों के बीच अब तीन लाख रुपये से अधिक का कैश स्वीकार करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा। इसकी शुरुआत एक अप्रैल से होगी। बजट 2017-18 में तीन लाख रुपये से अधिक के कैश लेनदेन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जो व्यक्ति जितनी राशि कैश में स्वीकार करेगा उसे उसके बराबर ही जुर्माना देना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, यदि आप चार लाख रुपये कैश स्वीकार करते हैं तो आपको चार लाख रुपये का ही जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना उस व्यक्ति पर लगेगा जो नकद स्वीकार करेगा। अधिया ने कहा कि यदि आप कैश में कोई महंगी घड़ी खरीदते हैं तो दुकानदार को यह टैक्स देना होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान लोगों को बड़ी राशि के नकद लेनदेन से रोकने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद खातों में ब्लैक मनी आया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2017-18 के बजट में आयकर कानून में धारा 269 एसटी जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति एक दिन में किसी एक व्यक्ति से एकल लेनदेन या किसी एक मामले अथवा मौके पर तीन लाख रुपये से अधिक की नकदी स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, यह अंकुश सरकार, किसी बैंकिंग कंपनी, डाकघर बचत खातों या सहकारी बैंकों पर लागू नहीं होगा।
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नई दिल्ली: टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा बेहिसाब धन पर कार्रवाई करने के लिए एक करोड़ खातों की जांच और उसका मिलान किया है तथा 18 लाख लोगों से कोष के स्रोत के बारे में जानकारी मांग रहा है। एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि टैक्स विभाग अपने डाटा बैंक में एक करोड़ से अधिक खातों के जरिये आंकड़ों का विश्लेषण शुरू किया है। इसका मिलान खाताधारकों के इनकम टैक्स की स्थिति से किया है। इनकम टैक्स रिकॉर्ड के तहत देश में कुल 3.65 करोड़ व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। इसके अलावा सात लाख से अधिक कंपनियां, 9.40 लाख हिंदु अविभाजित परिवार (एचयूएफ) तथा 9.18 लाख फर्म हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2014-15 में आईटीआर फाइल किया। साथ ही वित्तीय समावेशी अभियान के तहत 25 करोड़ शून्य राशि वाले जनधन खाते खोले गये। सूत्रों ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग सभी श्रेणी के खातों की जांच कर रहा है और ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के तहत संदिग्ध जमा के लिये एसएमएस, ईमेल भेजेगा। सूत्र ने कहा, ‘हमने अपने डाटा के आधार पर शुरू में एक करोड़ खातों का मिलान किया और पांच लाख रुपये से अधिक के संदिग्ध जमा वाले 18 लाख लोगों की पहचान की। हम आंकड़ों के विश्लेषण का दायरा बढ़ाएंगे और अपने डाटा बेस से प्रोफाइल का मिलान करेंगे।’
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नई दिल्ली: इस बार का बजट मध्यावधिक मुद्रास्फीति नरम रखने की दृष्टि से अच्छा है और इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी टैक्स की कटौती कर सकता है और उसके बाद दिसंबर तक नीतिगत दर का यही स्तर बनाए रख सकता है। यह बात वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा की एक रिपोर्ट में की गयी है। जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा के अनुसार हालांकि रिजर्व बैंक आठ फरवरी को नीतिगत दर में कटौती कर सकता है लेकिन तेल की उंची कीमत और विदेशों में ब्याज दरों को उंचा किए जाने के रूझान से वैश्विक कारकों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक के लिए यह फैसला इतना आसान नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकार राजकोषीय मजबूती की राह पर बनी हुई है और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2017 के लिये 5 फीसदी के लक्ष्य से कम रहने की संभावना है। इसे देखते हुए हुम हमारा अनुमान है कि फरवरी को रेपो दर 0.25 फीसदी की कटौती के साथ 6.0 फीसदी की जा सकती है।’ इसमें यह भी कहा गया है कि तेल की उंची कीमत, विदेशों में ब्याज दर के स्तर के साथ अंतर कम होने जैसे वैश्विक कारक प्रतिकूल हो रहे हैं, ऐसे में नीतिगत दरों में यह कटौती इतना एक ‘कठिन निर्णय होगा।’ नोमुरा का मानना है कि उसके बाद वृद्धि और मुद्रास्फीति दोनों बढ़ेगी, इसको देखते हुए रिजर्व बैंक 2017 में नीतिगत दर को यथावत रखेगा। केंद्रीय बैंक ने सात दिसंबर को ब्याज दर को यथावत रखा।
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बेंगलुरू: एच 1-बी वीजा पर भारतीय आईटी कंपनियों द्वारा दिक्कतों का सामना किए जाने के बीच दिग्गज आईटी हस्ती एनआर नारायण मूर्ति ने आज (रविवार) कहा कि कारोबार सरकार से नहीं लड़ सकता और उसे अपनी सीमाओं में काम करना होता है। इंफोसिस के सह संस्थापक मूर्ति ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम किसी सरकार से नहीं लड़ सकते। याद रखिए चाहे यह अमेरिका हो, ब्रिटेन हो या भारत सरकार हो, कोई कारोबार किसी सरकार से नहीं लड़ सकता।’ उन्होंने कहा, ‘हमें सरकार के दायरों में काम करना होता है और हम कई नवोन्मेष सामने ला सकते हैं जिससे हमारी कंपनियां सुरक्षित रहें। हमारी कंपनियां फिर से अच्छी तरह आगे बढ सकती हैं, लाभ के साथ आगे बढ सकती हैं और फिर हम अपने ग्राहक बना सकते हैं।’
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